देरी पर जिला स्तर से होगी स्वीकृति और तत्काल भुगतान
इस नई व्यवस्था के तहत पात्र आवेदकों को अब आवेदन की तारीख से 75 दिनों के भीतर सहायता राशि उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया गया है। यदि किसी कारणवश यह समय सीमा पार होती है, तो अब मामले को लंबी प्रक्रिया में उलझाने की बजाय जिला स्तर पर ही समिति से अनुमोदन लेकर तुरंत भुगतान किया जाएगा। अब जरूरतमंदों को देरी के लिए प्रदेश स्तर की मंजूरी का इंतजार नहीं करना होगा। यह बदलाव उन परिवारों के लिए राहत लेकर आया है, जो समय पर सहायता की प्रतीक्षा में थे।
लाभार्थियों के खातों में ऐसे पहुंचेगी राशि
योजना को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए जिला समाज कल्याण अधिकारियों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है। वे यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी आवेदक को पहले सहायता नहीं मिली हो। सत्यापन के बाद पात्र लाभार्थियों की अंतिम सूची तैयार कर 7 दिनों के भीतर स्वीकृति समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। इसके बाद सूची को डिजिटल सिग्नेचर के साथ पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के जरिए आधार लिंक बैंक खाते में धनराशि हस्तांतरित होगी। बजट की कमी होने पर भी जिलाधिकारी ट्रेजरी नियमों के तहत धनराशि निकालकर भुगतान सुनिश्चित कर सकते हैं, जिससे लाभार्थियों को लाभ मिलने में देरी न हो।
हेल्पलाइन 14568 और कमांड सेंटर से जुड़ेगा हर जरूरतमंद
आकस्मिक परिस्थितियों में तत्काल सहायता के लिए भी विशेष प्रावधान किए गए हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी और जिलाधिकारी डिजिटल सिग्नेचर के जरिए आवेदन सत्यापित करेंगे और स्वीकृति के बाद तुरंत भुगतान होगा। योजना से जुड़ी किसी भी समस्या के समाधान के लिए मुख्यालय स्तर पर कमांड सेंटर में हेल्पलाइन नंबर 14,568 शुरू किया गया है, जहां लाभार्थी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। योगी सरकार ने योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने पर भी जोर दिया है। तहसील दिवसों में लाभार्थियों की सूची और पात्रता की शर्तों को सार्वजनिक रूप से प्रदर्शित किया जाएगा। होर्डिंग, पोस्टर और हैंडबिल के जरिए भी लोगों तक जानकारी पहुंचाई जाएगी, ताकि ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद इस योजना का लाभ उठा सकें। योजना को लेकर तकनीकी स्तर पर भी सुधार किए जा रहे हैं। योगी सरकार इस योजना में तकनीकी सुधार भी कर रही है। जैसे छात्रवृत्ति योजनाओं में आधार से सीडिंग की पुष्टि की जाती है, उसी तरह अब पारिवारिक लाभ योजना में भी आधार आधारित स्टेटस चेकिंग के माध्यम से लाइव वेरिफिकेशन की सुविधा जल्द शुरू की जाएगी, जिससे खाते की स्थिति तुरंत स्पष्ट हो सके।
1 लाख से ज्यादा परिवारों को मिला लाभ, खर्च हुए 326.64 करोड़ रुपये
योगी सरकार का लक्ष्य है कि हर जरूरतमंद तक सहायता पहुंचे और उनकी जिंदगी आसान बने। इसके लिए योगी सरकार परिवार के ऐसे कमाऊ मुखिया जिसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम हो और जिसकी मृत्यु हो गई हो, ऐसी दशा में उनके आश्रित को राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना से लाभान्वित कर रही है, जिसमें आय सीमा शहरी क्षेत्र में 56,460 रुपए और ग्रामीण क्षेत्र में 46,080 रुपए निश्चित की गई है।सरकार ऐसे परिवार को 30,000 रुपए एकमुश्त भुगतान करती है। योगी सरकार राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना को पारदर्शी और तेज बनाकर यह सुनिश्चित कर रही है कि कोई भी पात्र परिवार मदद से वंचित न रहे। वित्तीय वर्ष 2024-25 में योगी सरकार ने 1,08,883 निराश्रित परिवारों तक योजना का लाभ पहुंचाया है, जिसमें सरकार ने 326.64 करोड़ रुपए खर्च किया है।