सकुशल वापसी की खबर से भावुक हुए परिजन
अंतरिक्ष यान की सुरक्षित लैंडिंग के साथ ही शुभांशु शुक्ला के माता-पिता भावुक हो उठे। लखनऊ स्थित सीएमएस स्कूल में इस लैंडिंग के सजीव प्रसारण की व्यवस्था पहले से ही की गई थी। शुभांशु के माता-पिता, आशा देवी और शंभू दयाल शुक्ला, अपने बेटे को धरती पर सकुशल लौटते देख आँखों में आंसू और चेहरे पर गर्व लिए खड़े थे। शुभांशु की मां आशा शुक्ला ने भावुक होकर कहा – “मैं इस खुशी को शब्दों में बयान नहीं कर सकती। जब यान की लैंडिंग हो रही थी तो दिल में थोड़ा डर था, लेकिन सबकुछ अच्छे से हो गया। ईश्वर हमारे साथ हैं। उन्होंने उसे वहां तक पहुंचाया और सुरक्षित वापस भी लाए। यह हमारे जीवन का सबसे गौरवपूर्ण क्षण है।”
शुभांशु की बहन शुचि मिश्रा ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा – “हम बहुत उत्साहित हैं। शुभांशु की सुरक्षित वापसी सिर्फ हमारे परिवार के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरव का क्षण है। वो वापस आ गए हैं – यही सबसे बड़ी बात है।”
देशभर में खुशी की लहर
शुभांशु शुक्ला के मिशन की सफलता पर लखनऊ में स्थानीय स्कूलों, संस्थानों और नागरिकों में भी खासा उत्साह देखा गया। कई शिक्षकों और छात्रों ने इस मिशन को देखने के लिए एकत्र होकर विशेष स्क्रीनिंग में भाग लिया। सीएमएस स्कूल में जहां शुभांशु ने अपनी स्कूली पढ़ाई की थी, वहां बच्चों को यह बताया गया कि कैसे मेहनत, समर्पण और वैज्ञानिक दृष्टिकोण इंसान को अंतरिक्ष तक पहुंचा सकता है।
कौन हैं कैप्टन शुभांशु शुक्ला?
शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन के पद पर हैं। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और अंतरराष्ट्रीय साझेदार संगठनों के साथ मिलकर एक महत्वपूर्ण अंतरिक्ष मिशन में हिस्सा लिया था। उनकी यह यात्रा भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक मील का पत्थर मानी जा रही है, जहां सेना के एक अधिकारी ने अंतरिक्ष विज्ञान में अद्वितीय योगदान दिया।
देश ने देखा ऐतिहासिक लम्हा, सोशल मीडिया पर बधाईयों का तांता
जैसे ही यान ने कैलिफोर्निया तट पर लैंड किया, टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर बधाईयों की बाढ़ आ गई। लोग इस गौरवशाली पल को ‘भारतीय अंतरिक्ष की नई उड़ान’ करार दे रहे हैं। #CaptainShubhanshu ट्रेंड कर रहा है। शुभांशु शुक्ला की यह सफल वापसी न सिर्फ उनके परिवार के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व, प्रेरणा और उम्मीद का प्रतीक बन गई है। एक साधारण शहर लखनऊ से उठकर, उन्होंने जो असाधारण सफर तय किया है, वह आने वाली पीढ़ियों को सपने देखने और उन्हें पूरा करने की प्रेरणा देगा।