25 सालों के लिए किया गया एग्रीमेंट
कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए ऊर्जा मंत्री एके शर्मा यह समझौता 25 सालों के लिए किया गया है। अडानी पावर लिमिटेड उत्तर प्रदेश को 5.38 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिजली मुहैया कराएगी। उसी कड़ी में 1600 मेगावाट पावर प्लांट को लेकर हम आगे बढ़े हैं। हमारी शर्त थी कि जब यह प्लांट उत्तर प्रदेश में लगेगा तभी बिजली खरीदेंगे। ऊर्जा मंत्री ने बताया कि प्रक्रिया के तहत जुलाई 2024 में रिक्वेस्ट फॉर क्वालीफिकेशन इश्यू किया था, जिसमें 7 कंपनियां आई थीं। इनमें से 5 कंपनियों ने रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (फाइनेंशियल बिड) में हिस्सा लिया। पांचों कंपनियों में जिस निजी कंपनी का कोटेशन सबसे लोएस्ट था उसके साथ निगोशिएन के बाद उन्होंने फिक्स्ड चार्ज में 3.727 रुपए प्रति यूनिट और फ्यूल चार्ज में 1.656 रुपए प्रति यूनिट समेत कुल टैरिफ 5.38 प्रति यूनिट की न्यूनतम बिड पेश की, जिसे स्वीकार कर लिया गया। इसी टैरिफ पर 25 वर्षों की अवधि के लिए पावर सप्लाई एग्रीमेंट (पीएसए) हस्ताक्षरित किया जाएगा।
DBFOO मॉडल के तहत शुरू हुई थी बिड प्रक्रिया
केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग के अध्ययन के अनुसार, राज्य को वर्ष 2033-34 तक लगभग 10,795 मेगावाट अतिरिक्त तापीय ऊर्जा की जरूरत होगी। इसके साथ ही 23,500 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के लिए भी रोडमैप तैयार किया गया है। तापीय ऊर्जा की मांग को पूरा करने के लिए DBFOO मॉडल के तहत बिड प्रक्रिया शुरू की गई। 2030-31 में परियोजना होगी शुरू
यह तापीय परियोजना वित्तीय वर्ष 2030-31 में शुरू हो जाएगी। इससे न सिर्फ बेस लोड ऊर्जा की जरूरत पूरी होगी, बल्कि राज्य में उद्योगों व घरेलू उपभोक्ताओं को भी स्थिर और सस्ती बिजली मिल सकेगी।
क्या है DBFOO मॉडल?
डीबीएफओओ (DBFOO) यानी डिजाइन (Design), बिल्ड (Build), फाइनेंस (Finance), ओन (Own) और ऑपरेट (Operate) एक ऐसी प्रणाली है जिसमें निजी कंपनी परियोजना का निर्माण, वित्तपोषण, स्वामित्व और संचालन खुद करती है। सरकार सिर्फ कोयला लिंकेज देती है और बिजली खरीदती है।