द्रौपदी और श्रीकृष्ण
महाभारत में वर्णित एक कथा के अनुसार, जब श्रीकृष्ण ने शिशुपाल का वध किया, तब उनकी अंगुली से रक्त बहने लगा। द्रौपदी ने तुरंत अपनी साड़ी का किनारा फाड़कर उनकी अंगुली पर बांध दिया। यह घटना श्रावण पूर्णिमा की थी। कहते हैं, यही वो रक्षासूत्र था जिसकी कीमत श्रीकृष्ण ने चीरहरण के समय चुकाई जब उन्होंने द्रौपदी की लाज बचाई।
यम और यमुना
प्राचीन कथा के अनुसार, यमराज और यमुना के बीच गहरा प्रेम था, लेकिन समय की व्यस्तता के चलते वे मिल नहीं पाते थे। एक दिन यमुना ने उपवास रखा और यमराज के आने पर उन्हें रक्षासूत्र बांधा। बदले में यमराज ने वचन दिया कि जो भी बहन अपने भाई को राखी बांधेगी, वह उसकी रक्षा का संकल्प लेगा। तभी से यह परंपरा शुरू हुई।
रानी कर्णावती और हुमायूं
मुगलकाल की एक प्रसिद्ध घटना के अनुसार, मेवाड़ की रानी कर्णावती ने जब बहादुर शाह के आक्रमण से खुद को असहाय महसूस किया, तब उन्होंने मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजी। हुमायूं ने इस धागे की मर्यादा रखते हुए न सिर्फ उनकी रक्षा की, बल्कि राखी के मान को एक नया आयाम दिया।
पेड़-पौधों से लेकर सैनिकों तक को बांधी जाती है राखी
भारत के कई क्षेत्रों में महिलाएं पेड़, देवता, ब्राह्मण और सैनिकों को भी राखी बांधती हैं। यह परंपरा सुरक्षा और कृतज्ञता के प्रतीक के रूप में निभाई जाती है। खासतौर से वृक्षों को राखी बांधने की परंपरा पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी एक सुंदर पहल है।
सीमाओं के पार भी गूंजता है रक्षाबंधन का जादू
रक्षाबंधन सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। नेपाल, फिजी, मॉरीशस जैसे देशों में बसे भारतीय समुदाय इस त्योहार को उतनी ही श्रद्धा और उल्लास से मनाते हैं। यह पर्व अब एक ग्लोबल कल्चरल आइडेंटिटी का रूप ले चुका है।
राखी में छिपा है विज्ञान
पारंपरिक राखियों में चंदन, केसर, हल्दी जैसे तत्वों का प्रयोग होता था, जिनमें एंटीसेप्टिक गुण होते हैं। इस वजह से राखी पहनने वाले की कलाई ना सिर्फ सुरक्षित रहती थी, बल्कि यह एक तरह का आयुर्वेदिक स्पर्श भी माना जाता था।
5,000 करोड़ से ज्यादा का हो चुका है राखी इंडस्ट्री का बाजार
आज रक्षाबंधन सिर्फ भावनाओं का त्योहार नहीं रह गया है, यह एक विशाल बाजार बन चुका है। राखियों की डिज़ाइनिंग, मिठाइयों के गिफ्ट बॉक्स, ऑनलाइन डिलीवरी, ब्रांडेड उपहार इन सब मिलाकर रक्षाबंधन के आसपास का व्यापार 5,000 करोड़ से भी अधिक का हो जाता है। ये त्योहार अब एक बड़ा बिजनेस ट्रेंड भी बन चुका है।