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Magnesium Deficiency: नींद न आने से लेकर दिल की धड़कन बढ़ने तक, मैग्नीशियम की कमी को न करें इग्नोर

Magnesium Deficiency: शरीर में कई तरह के जरूरी विटामिन होते हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं। ऐसे में खासतौर पर मैग्नीशियम की कमी को नजरअंदाज न करें। इसके लक्षण इतने सूक्ष्म होते हैं कि लोग इन्हें सामान्य तनाव, थकावट या उम्र से जुड़ी समस्या मान बैठते हैं।

भारतAug 07, 2025 / 10:25 am

MEGHA ROY

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फोटो सोर्स – Freepik

Magnesium Deficiency Symptoms: आज के अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खानपान के वजह से कई तरह की स्वास्थ्य से जुड़ी दिक्कतें देखने को मिल रही हैं। हम अक्सर थकावट, मूड स्विंग्स या मांसपेशियों में होने वाली ऐंठन जैसी छोटी-छोटी परेशानियों को आम समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि ये लक्षण पोषण की कमी के संकेत हो सकते हैं? जैसे शेर में मैग्नीशियम की कमी लोगों में काफी देखी जाती है। यह एक ऐसा मिनरल है जो शरीर में ज्यादा बायोकेमिकल प्रतिक्रियाओं के लिए जिम्मेदार है। यह न केवल मांसपेशियों और नसों के कामकाज में अहम भूमिका निभाता है, बल्कि यह दिल की धड़कन को नियमित रखने के साथ कई स्वास्थ्य लाभ भी देता है। आइए जानते हैं इससे जुड़ी जानकारी और बचाव के कुछ उपायों के बारे में।

मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और स्ट्रेस

मैग्नीशियम न्यूरोकेमिकल्स को बैलेंस करने में मदद करता है। इसकी कमी मूड में अचानक बदलाव, बेवजह गुस्सा और स्ट्रेस की भावना बढ़ा सकती है। अगर आपका मूड अक्सर बिना कारण बिगड़ता है, तो ब्लड टेस्ट में मैग्नीशियम की जांच जरूर करवाएं।

रात में मांसपेशियों में झटके और ऐंठन

रात में सोते समय टांगों में ऐंठन या पलकों का बार-बार फड़कना भी मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकता है। यह खनिज मांसपेशियों को आराम देने में मदद करता है, और जब इसकी कमी होती है तो मांसपेशियां बिना वजह सिकुड़ने लगती हैं।

भूख कम लगना, उल्टी या मितली

अगर आपको भूख कम लगती है, जी मिचलाता है या बिना कारण उल्टी जैसे लक्षण महसूस होते हैं, तो यह मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकता है। यह मेटाबोलिज्म को प्रभावित करता है, जिससे शरीर खाने को सही से प्रोसेस नहीं कर पाता।

नींद से जुड़ी समस्या

नींद न आना या बार-बार नींद का टूटना सिर्फ स्ट्रेस या ज्यादा स्क्रीन टाइम के कारण नहीं होता है, बल्कि यह भी मैग्नीशियम की कमी का संकेत हो सकता है। मैग्नीशियम मेलाटोनिन हार्मोन के बैलेंस को बनाए रखने में मदद करता है, जो नींद की क्वालिटी को बेहतर बनाता है।

थकावट और एनर्जी की कमी

अगर नींद पूरी होने के बावजूद थकान लगे या कमजोरी महसूस हो, तो यह सामान्य नहीं है। यह मैग्नीशियम की कमी के संकेत हो सकते हैं क्योंकि मैग्नीशियम शरीर में एनर्जी प्रोडक्शन से जुड़ा हुआ है। जब इसकी मात्रा कम होती है, तो कोशिकाएं ठीक से ऊर्जा नहीं बना पातीं, और व्यक्ति को हर वक्त थका हुआ महसूस होता है।

मैग्नीशियम की पूर्ति के लिए खाएं ये चीजें

  • हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मैथी, सरसों का साग खाएं क्योंकि हरी सब्जियों में प्राकृतिक रूप से मैग्नीशियम होता है, जो हड्डियों को मजबूत और ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर बनाता है।
  • साबुत अनाज जैसे जौ, ब्राउन राइस, ओट्स खाएं। इसका सेवन शरीर में लंबे समय तक ऊर्जा बनाए रखता है और पाचन को भी दुरुस्त करता है।
  • दालें और फलियां जैसे राजमा, चना, मूंग दाल खाएं। ये शरीर को प्रोटीन के साथ-साथ मैग्नीशियम भी देती हैं, जो मांसपेशियों की रिपेयर और ताकत के लिए जरूरी है।
  • नट्स और बीज जैसे बादाम, अखरोट, कद्दू के बीज, फ्लैक्स सीड्स खाएं। इनमें मौजूद मिनरल्स और हेल्दी फैट्स मांसपेशियों को पोषण देते हैं और थकान दूर करने में मदद करते हैं।


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