आंखों के नीचे सूजन
सुबह उठते ही अगर आंखों के नीचे बार-बार पफीनेस दिखती है, तो इसे केवल नींद की कमी मानकर टालें नहीं। यह इस बात का संकेत हो सकता है कि किडनी प्रोटीन को फिल्टर करने में सक्षम नहीं है और शरीर में असंतुलन पैदा हो रहा है।
पैरों और टखनों में सूजन
जब शरीर का अतिरिक्त फ्लूइड बाहर नहीं निकल पाता, तो यह पैरों और टखनों में जमा होने लगता है। धीरे-धीरे यह सूजन बढ़कर चलने-फिरने में भी परेशानी खड़ी कर सकती है।
भूख कम लगना और जी मिचलाना
किडनी की गड़बड़ी के कारण खून में वेस्ट मटेरियल जमा होने लगता है। इसका असर पाचन तंत्र पर भी पड़ता है। यही वजह है कि मरीज को भूख नहीं लगती, लगातार जी मिचलाता है या उल्टी जैसी परेशानी महसूस होती है।
थकान और कमजोरी
सही तरह से काम न करने वाली किडनी शरीर में टॉक्सिन्स इकट्ठा कर देती है। यह खून की क्वालिटी को प्रभावित करता है, जिससे व्यक्ति बहुत जल्दी थकने लगता है, शरीर भारी महसूस होता है और सामान्य काम भी मुश्किल लगते हैं।
पेशाब की आदतों में बदलाव
अगर आपको कभी बहुत ज्यादा बार पेशाब आ रहा है या बहुत कम, तो यह किडनी इंफ्लेमेशन का संकेत हो सकता है। पेशाब का रंग गहरा होना या झागदार दिखना भी इस समस्या की ओर इशारा करता है।
सांस लेने में दिक्कत
जब किडनी शरीर से अतिरिक्त तरल बाहर नहीं निकाल पाती, तो यह पानी फेफड़ों तक पहुंच सकता है। इससे सांस फूलना या ठीक से सांस न ले पाना जैसी गंभीर स्थिति बन सकती है। यह एक ऐसा संकेत है, जिसे बिल्कुल हल्के में नहीं लेना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
चेहरे पर सूजन दिखायी देना
चेहरे का आकार बढ़ना या सूजन आना अक्सर शरीर के अंदर चल रही किसी गड़बड़ी या प्रतिक्रिया का संकेत हो सकता है। ये बदलाव थकान, एलर्जी, हार्मोनल बदलाव या किडनी खराब के संकेत हो सकते हैं। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।