नॉन-स्टिक पैन
नॉन-स्टिक पैन का इस्तेमाल लगभग हर घर में होता है, लेकिन डॉक्टर सौरभ सेठी के मुताबिक, यह धीरे-धीरे शरीर के लिए जहर जैसा काम कर सकता है। जब नॉन-स्टिक पैन को ज्यादा गर्म किया जाता है या उसकी कोटिंग स्क्रैच हो जाती है, तो इससे टॉक्सिक केमिकल्स जैसे PFAS (Per- and Polyfluoroalkyl Substances) निकल सकते हैं। ये केमिकल्स शरीर में जाकर हॉर्मोनल असंतुलन, लिवर डैमेज और यहां तक कि कैंसर जैसी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं।प्लास्टिक कटिंग बोर्ड्स
प्लास्टिक कटिंग बोर्ड भले ही देखने में साफ-सुथरे लगें, लेकिन ये छोटे-छोटे कट्स में बैक्टीरिया और कीटाणुओं का घर बन जाते हैं। समय के साथ इन कटिंग बोर्ड्स में माइक्रोक्रैक्स हो जाते हैं, जहां साफ-सफाई के बाद भी बैक्टीरिया छिपे रहते हैं। डॉक्टर सेठी के अनुसार, यह फूड पॉइजनिंग का एक बड़ा कारण बन सकता है। इसलिए लकड़ी के कटिंग बोर्ड का इस्तेमाल बेहतर होता है, जिसे समय-समय पर अच्छी तरह सैनिटाइज किया जा सके।प्लास्टिक कुकिंग यूटेंसिल्स
आजकल हल्के और सस्ते प्लास्टिक के किचन यूटेंसिल्स जैसे कि चम्मच, स्पैटुला आदि का इस्तेमाल आम हो गया है। लेकिन डॉक्टर सौरभ सेठी कहते हैं कि जब इन्हें गर्म बर्तनों में इस्तेमाल किया जाता है, तो इससे प्लास्टिक के टॉक्सिन्स खाने में मिल सकते हैं। खासकर BPA और फाथेलेट्स जैसे केमिकल्स हार्मोन को प्रभावित करते हैं और Fertilityऔर मेटाबॉलिक हेल्थ पर बुरा असर डाल सकते हैं।क्या करें सुरक्षित रहने के लिए
नॉन-स्टिक की जगह कास्ट आयरन या स्टेनलेस स्टील के बर्तन इस्तेमाल करें।प्लास्टिक कटिंग बोर्ड की जगह बांस या लकड़ी के बोर्ड अपनाएं।
प्लास्टिक यूटेंसिल्स की जगह सिलिकॉन, स्टील या लकड़ी के विकल्प चुनें।