हालांकि अच्छी बात ये है कि आपके किचन में ही कुछ ऐसे घरेलू उपाय मौजूद हैं जो इन छालों से बिना किसी दवा के राहत दिला सकते हैं। आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ आजमाए हुए देसी नुस्खे, जो आपके लिए साबित हो सकते हैं रामबाण।
छाले होने के कारण (Reason Of Mouth Ulcers)
अक्सर कई लोगों को मुंह में छाले होने की समस्या होती रहती है। हालांकि यह सामान्य समस्या है, लेकिन बार-बार होना आपकी अनहेल्दी लाइफस्टाइल को दर्शाता है। छाले अक्सर गर्मी, पाचन खराब होने या पोषण की कमी के कारण हो सकते हैं। ये छोटे-छोटे घाव खाने-पीने में जलन और तकलीफ पैदा करते हैं। सही देखभाल और कुछ घरेलू उपाय अपनाकर इनसे जल्दी राहत पाई जा सकती है।
मुंह में बार-बार छाले होने पर कैसे पाएं राहत (How to get Rid of Mouth Ulcers)
त्रिफला पानी
त्रिफला चूर्ण को हल्के गरम पानी में उबालें और जब पानी गुनगुना रह जाए तो उससे कुल्ला करें। इसमें मौजूद एंटीसेप्टिक और सूजनरोधी तत्व छालों को जल्दी ठीक करने में सहायक होते हैं। रोजाना सुबह-शाम यह उपाय करें, फर्क खुद नजर आने लगेगा।
शहद और तुलसी
तुलसी की पत्तियों को पीसकर उसमें थोड़ा शुद्ध शहद मिलाएं और इसका पेस्ट तैयार करें। इस पेस्ट को छालों पर लगाने से दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है और अल्सर जल्दी सूखने लगते हैं। तुलसी संक्रमण को रोकती है और शहद घाव को भरने में मदद करता है।
नारियल तेल
नारियल तेल एक प्राकृतिक ठंडक देने वाला एजेंट है जिसमें एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। जब छाले जलन और दर्द देने लगते हैं, तो रुई में थोड़ा नारियल तेल लेकर उसे धीरे से छाले पर लगाएं। दिन में दो बार यह प्रक्रिया दोहराएं। इससे न सिर्फ घाव तेजी से भरते हैं बल्कि सूजन और जलन में भी राहत मिलती है।
घी और मिश्री
आयुर्वेद में घी और मिश्री का सेवन शरीर को अंदर से ठंडा रखने के लिए जाना जाता है। एक छोटा चम्मच देसी घी में थोड़ा मिश्री मिलाकर दिन में दो बार लें। यह शरीर की गर्मी को नियंत्रित करता है और बार-बार होने वाले छालों से राहत दिलाने में कारगर है।
ध्यान रहे
अगर इन घरेलू उपायों को आजमाने के बाद भी छाले लंबे समय तक बने रहते हैं या बार-बार हो रहे हैं, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लें। बार-बार होने वाले छाले शरीर में किसी गहरी समस्या जैसे कि विटामिन B12 की कमी, पेट के अल्सर या हार्मोनल असंतुलन की ओर इशारा कर सकते हैं। डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।