नई टैक्स रेजीम के फायदे (Benefits Of New Tax Regime)
नई टैक्स रेजीम पूरी तरह टेक्नोलॉजी-ड्रिवन है। जिसके कारण टैक्स रिफंड अब तेजी से प्रोसेस होते हैं। इसके साथ ही टैक्स सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी बढ़ी है, साथ ही टैक्सपेयर्स को अधिक अधिकार और विकल्प मिलते हैं।
टेक्नोलॉजी ने कैसे बदला टैक्स प्रोसेस (How Technology Changed The Tax Process)
1. फेसलेस असेसमेंट (Faceless Assessment)
अब टैक्सपेयर्स और इनकम टैक्स ऑफिसर के बीच किसी तरह का कोई सीधा संबंध नहीं होगा। सभी इवैल्यूएशन ऑनलाइन पोर्टल्स के जरिए होते हैं, जिससे भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है।
2. AI और डेटा एनालिटिक्स (AI and Data Analytics)
टैक्स की चोरी को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा ट्रैकिंग तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। 3. ई-वेरिफिकेशन और डिजिटल सिग्नेचर (E-Verification and Digital Signature)
अब डॉक्यूमेंट्स को डिजिटल साइन और OTP वेरिफिकेशन से वैलिड बनाया जा रहा है, जिससे पूरी प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनी है।
साइबर सिक्योरिटी बनीं चुनौती (Cyber security)
1. डाटा लीक का खतरा (Risk Of Data Leak)
टैक्सपेयर्स के आधार, पैन, बैंक डिटेल्स जैसी जानकारियां हैकिंग के लिए इस्तेमाल हो सकती हैं। 2. फिशिंग और स्कैम ईमेल्स (Phishing and Scam Emails)
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नाम पर फर्जी मेल या मैसेज भेजकर हैकर्स यूजर्स से ओटीपी या पासवर्ड मांग सकते हैं।
3. सरकारी पोर्टल्स पर साइबर अटैक (Cyber Attack On Government Portals)
ITR पोर्टल्स और GST नेटवर्क को अक्सर डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) जैसे हमलों से बचाने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत होती है।