पोक का मतलब क्या था?
शुरुआत में फेसबुक ने कभी भी पोक फीचर का कोई खास मकसद नहीं बताया। कंपनी के अनुसार, यह सिर्फ एक ऐसा टूल था जिससे आप किसी दोस्त को नोटिफिकेशन भेजकर ‘हाय’ कह सकते थे। लेकिन यूजर्स ने इसे अपने तरीके से इस्तेमाल करना शुरू कर दिया। 2010 के दशक में पोक सिर्फ ‘हैलो’ तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह मजाक, फ्लर्ट और नोटिफिकेशन की दौड़ (स्ट्रीक्स) का हिस्सा बन गया। कई लोग तुरंत ‘पोक बैक’ करके स्ट्रीक बनाए रखते थे ताकि बातचीत का सिलसिला जारी रहे।
2025 में पोक की नई वापसी
Meta अब इस फीचर को दोबारा ट्रेंड बनाने की कोशिश कर रहा है। कंपनी ने हाल ही में ऐलान किया है कि फेसबुक प्रोफाइल पर अब एक नया ‘पोक’ बटन मिलेगा। यह बटन मैसेज ऑप्शन के ठीक बगल में होगा लेकिन इसे केवल दोस्तों की प्रोफाइल पर ही इस्तेमाल किया जा सकेगा। यानी आप किसी अनजान व्यक्ति को पोक नहीं कर पाएंगे। इसके साथ ही, फेसबुक ने एक खास Pokes पेज भी तैयार किया है। यहां यूजर्स देख पाएंगे कि उन्हें कितनी बार पोक किया गया है और उन्होंने किसे कितनी बार पोक किया है। यानी अब पोक काउंट भी ट्रैक किया जा सकेगा और चाहें तो यूजर्स स्ट्रीक बनाए रख सकते हैं।
क्यों कर रहा है फेसबुक यह बदलाव?
दरअसल, फेसबुक चाहता है कि उसके यूजर्स ज्यादा समय तक प्लेटफॉर्म पर एक्टिव रहें। स्नैपचैट और टिकटॉक जैसे ऐप्स में ‘स्ट्रीक्स’ या ‘इंटरैक्शन ट्रैक’ जैसे फीचर्स काफी लोकप्रिय हैं। अब फेसबुक भी उसी तर्ज पर पोक को मजेदार और आकर्षक बनाकर युवाओं को जोड़ने की कोशिश कर रहा है।