RBSE 10th Result 2025: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का गृह जिला कोटा 39वें पायदान पर, सीकर ने मारी बाजी
RBSE 10th Result: कोटा में 10वीं बोर्ड परीक्षा के लिए कुल 24 हजार 818 विद्यार्थी पंजीकृत हुए थे। इसमें से 24 हजार 348 स्टूडेंट्स परीक्षा में सम्मलित हुए। इनमें से 21 हजार 403 विद्यार्थी पास हुए।
राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड अजमेर की ओर से बुधवार को 10वीं और प्रवेशिका परीक्षा का परिणाम जारी किया गया। इस बार 10वीं का कुल परीक्षा परिणाम 87.90 प्रतिशत रहा, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में मात्र 0.1 प्रतिशत अधिक है। वहीं प्रवेशिका परीक्षा का परिणाम 83.25 प्रतिशत रहा। राज्यभर के छात्र और अभिभावक परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।
इस बार खास बात यह रही कि कोटा जिला, जो शिक्षा नगरी के रूप में देशभर में प्रसिद्ध है, वह बोर्ड परिणामों में पीछे रह गया। राज्य के जिलों की रैंकिंग में कोटा 39वें स्थान पर रहा, जो खुद शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का गृह जिला भी है। सीकर 97.56 नम्बर वन, झुंझुनूं 97.53 नम्बर दो, नागौर 97.26 के साथ थर्ड पोजिशन पर रहे।
9 हजार से ज्यादा फर्स्ट डिविजन
कोटा में 10वीं बोर्ड परीक्षा के लिए कुल 24 हजार 818 विद्यार्थी पंजीकृत हुए थे। इसमें से 24 हजार 348 स्टूडेंट्स परीक्षा में सम्मलित हुए। इनमें से 21 हजार 403 विद्यार्थी पास हुए। कुल 9857 स्टूडेंट्स प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण हुए, जबकि 8758 द्वितीय श्रेणी तथा 2788 विद्यार्थी तृतीय श्रेणी से पास हुए।
3 फीसदी ज्यादा रहा छात्राओं का रिजल्ट
बोर्ड परीक्षा में हर बार छात्रों के मुकाबले छात्राओं का रिजल्ट अधिक रहता है। इस बार छात्राओं का परिणाम 3% अधिक रहा है। छात्रों का कुल प्रतिशत 86.5% रहा, जबकि छात्राओं का 89.87% रहा। प्रथम श्रेणी के आंकड़ों पर नजर डालें तो उसमें भी छात्राएं आगे रहीं।
संख्या में कम फिर भी आगे बेटियां
परीक्षा में कुल 24348 परीक्षार्थी बैठे थे, जिसमें 12531 छात्र तो 11817 छात्राएं शामिल थी। पास होने वालों में छात्रों की संख्या 163 ज्यादा है, लेकिन ओवरऑल परिणाम का प्रतिशत देखें तो छात्रों का 86.5% तथा छात्राओं का 89.87% रहा। ऐसे में संख्या में कम होने के बावजूद बालिकाएं आगे रही।
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प्रथम श्रेणी में भी पछाड़ा, 893 छात्राएं ज्यादा
परिणाम में इस बार प्रथम श्रेणी से पास होने वाले विद्यार्थियों में भी छात्राओं की संख्या अधिक है। छात्रों के मुकाबले 893 छात्राएं ज्यादा फर्स्ट डिविजन से पास हुई। प्रथम श्रेणी से पास होने वालों में छात्रों की संख्या 4482 रही तो छात्राओं की संख्या 5375 रही।
सेकंड व थर्ड डिविजन में आगे रहे छात्र
प्रथम श्रेणी में पीछे रहने के बाद छात्र सेकंड व तृतीय श्रेणी में जरूर आगे रहे। द्वितीय श्रेणी में 4 हजार 509 छात्र तो 4 हजार 249 छात्राएं रहीं। इसी तरह तृतीय श्रेणी में 1 हजार 792 छात्र तथा 996 छात्राएं रहीं, यानी, छात्राओं के मुकाबले 796 छात्र ज्यादा थर्ड डिविजन से पास हुए हैं।