तीनों बांध भर जाएंगे
चंबल नदी प्रणाली के तहत राजस्थान में राणा प्रताप सागर बांध, जवाहर सागर बांध और कोटा बैराज स्थित हैं। तीनों ही जगह जल भंडारण की क्षमता सीमित है। वर्तमान में उपलब्ध जल स्तर के अनुसार, राणा प्रताप सागर बांध में लगभग 892 एमसीएम, जवाहर सागर बांध में 10.76 एमसीएम और कोटा बैराज में 3.60 एमसीएम तक ही जल संग्रहित किया जा सकता है। ऐसे में गांधी सागर बांध से राणा प्रताप सागर बांध में उपलब्ध शेष भराव लगभग 892 एमसीएम की सीमा तक ही जल प्रवाहित किया जा सकेगा। इसके बाद नहरों में भी पानी छोड़ा जा सकता है। इससे मवेशियों को लिए गर्मी में पानी का संकट खत्म हो जाएगा।
ग्रीष्मकाल के दृष्टिगत रहेगा उपयोगी
राजस्थान सरकार ने व्यापक विश्लेषण एवं भविष्य की आवश्यकताओं के दृष्टिगत महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। राणा प्रताप सागर बांध में संग्रहित जल आगामी ग्रीष्मकाल में पेयजल, सिंचाई और औद्योगिक जरूरतों को पूरा करने में उपयोगी साबित होगा। राणा प्रताप सागर बांध से विद्युत उत्पादन के लिए भी जल का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा। यह निर्णय हमारी सरकार की दूरदर्शी नीति, जल आवश्यकताओं और परस्पर सहयोग की दृष्टि से लिया गया है। भविष्य में भी दोनों राज्यों के बीच जल संसाधनों के समुचित प्रबंधन और उपयोग के लिए समन्वय बना रहेगा।
सुरेश सिंह रावत, जल संसाधन मंत्री अगले सप्ताह से ही जल प्रवाह की संभावना
राजस्थान सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार की मांग पर उनकी महत्त्वाकांक्षी पप स्टोरेज परियोजना के निर्माण के लिए गांधी सागर बांध का जलस्तर घटाने के परिप्रेक्ष्य में अहम निर्णय लिया है। मध्यप्रदेश सरकार की ओर से अगले सप्ताह से ही गांधी सागर बांध से जल प्रवाह कार्य शुरू किए जाने की संभावना है। उल्लेखनीय है कि इस संबंध जल संसाधन विभाग में मुख्य अभियंता, मध्यप्रदेश ने 29 मार्च को जल संसाधन विभाग राजस्थान को पत्र लिखा था। इसमें गांधी सागर बांध के जलस्तर को कम करने के लिए राजस्थान सरकार से अनुरोध किया गया था। वर्तमान में (25 अप्रेल की स्थिति) गांधी सागर बांध का जलस्तर 395.003 मीटर है।