इससे पहले प्रभारी मंत्री ने कलश यात्रा को हरी झंडी दिखाई। रिवरफ्रंट पर करीब 400 महिलाएं कलश लेकर निकली। कलश यात्रा के माध्यम से मातृशक्ति ने जल संरक्षण, स्वच्छता और पर्यावरणीय चेतना का प्रभावशाली संदेश दिया।
समारोह में प्रभारी मंत्री ने कहा कि जल है तो कल है, यही मेरा संकल्प है। उन्होंने जल संरक्षण की शपथ दिलवाते हुए कहा कि जल संरक्षण के संकल्प को जीवन में उतारें। उन्होंने किसानों को कम से कम पेस्टीसाइड्स काम लेने, शहरवासियों को प्लास्टिक का उपयोग कम करने और घरों की छतों और बाहर पौधे लगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमें केवल प्रकृति का दोहन करने की जगह प्रकृति को उसके उपकार के बदले कुछ लौटाना भी चाहिए।
उन्होंने कार्यक्रम के तहत 20 जून तक सभी जल संरक्षण गतिविधियों में भाग लेते हुए श्रमदान के माध्यम से कुएं, बावड़ी, सरोवर एवं तालाबों को संरक्षित करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पिछले वर्ष हरियालो राजस्थान अभियान के तहत 7 करोड़ पेड़ लगाकर संरक्षण किया गया। इस वर्ष 11 करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य लिया गया है। सभी की भागीदारी से ही यह लक्ष्य संभव है। इस दौरान विधायक शर्मा ने गिरते भूजल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए जल संरक्षण पर जोर दिया।
चंबल माता की आरती कर चुनरी ओढ़ाई सहकारिता मंत्री दक, विधायक शर्मा, भाजपा शहर जिलाध्यक्ष राकेश जैन, प्रभारी सचिव मंजू राजपाल सहित जन प्रतिनिधियों एवं अधिकारियों ने चम्बल नदी की आरती की। उन्होंने चम्बल नदी में पुष्प अर्पित किए और चुनरी ओढ़ाई।
मातृशक्ति को बांटे तुलसी के पौधे प्रभारी मंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत मातृशक्ति को तुलसी के पौधे भेंट किए, ताकि वे अपने परिवार और समाज में हरियाली एवं समृद्धि का संदेश प्रसारित करें। उन्होंने पौधरोपण संकल्प अभियान की शुरुआत भी की। ऑनलाइन संकल्प लेने वालों को प्रमाण पत्र ऑनलाइन मिलेंगे। कार्यक्रम में जिला प्रमुख मुकेश मेघवाल, नगर निगम में प्रतिपक्ष नेता विवेक राजवंशी, कोटा डेयरी के अध्यक्ष चैनसिंह राठौड़, जिला कलक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी, केडीए आयुक्त ऋषभ मंडल, आईएएस प्रशिक्षु आराधना चौहान समेत प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि मौजूद रहे।