इस बीच प्रदेश सरकार ने नए पॉवर प्लांट को चलाने के लिए 140 नए पद स्वीकृत किए हैं। दो चरणों में यह पद सृजित किए जाएंगे। नए संयंत्र के लिए सहायक मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता, कार्यपालन अभियंता, वेतन अधिकारी, लेखापाल जैसे जरुरी पद शामिल हैं। कोरबा पश्चिम में 1320 मेगावाट के नए प्लांट की स्थापना की जानी है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से जरुरी सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं।
सूत्रों ने बताया है कि अगले माह 16 अगस्त से नए प्लांट की स्थापना के लिए जमीन पर कार्य शुरू किया जाएगा। चिन्हित जमीन पर गड्ढें खोदकर नए प्लांट के लिए आधारशीला रखी जाएगी। वर्ष 2029 तक नए प्लांट को लाइटअप किया जाएगा। इसके बाद इसे उत्पादन में लाया जाएगा।
660- 660 मेगावॉट की दो इकाइयों का निर्माण
नए संयंत्र के चालू होने के बाद ताप विद्युत संयंत्र से उत्पादित होने वाली बिजली की क्षमता 4160 मेगावॉट हो जाएगी। अभी ताप संयंत्रों से उत्पादित बिजली की क्षमता 2840 मेगावाट है। जनरेशन कंपनी की अभी ताप एवं जल से कुल विद्युत उत्पादन क्षमता 2978 मेगावाट है। सुपर क्रिटिकल थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट की 660- 660 मेगावॉट की दो इकाइयों का निर्माण भारत हेवी इलेक्ट्रिकल लिमिटेड (भेल) के सहयोग से किया जाना है। इसके लिए भेल के अफसर पहले से ही दर्री पहुंच चुके हैं। 15800 करोड़ की नई परियोजना, सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित
छत्तीसगढ़ बिजली उत्पादन कंपनी ने हसदेव ताप विद्युत संयंत्र कोरबा (एसटीपीएस) पश्चिम में 1320 मेगावॉट के नए प्लांट को स्थापित करने की योजना बनाई है। यह प्लांट सुपर क्रिटिकल तकनीक पर आधारित होगा। कोरबा पश्चिम में इस संयंत्र का निर्माण चौथे चरण में किया जा रहा है। मार्च में बिलासपुर प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से जुड़कर इस प्लांट का भूमिपूजन किया था। इसके पहले कांग्रेस के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने भी घंटाघर में इस प्लांट के लिए शिलान्यास किया था।