जयमति विभिन्न मंचों पर समाज चल रही कुरीतियों सहित विभिन्न सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के साथ ही महिलाओं व जनजाति समाज के लिए बेहतर कार्य करने के लिए पूरे
प्रदेश में जानी जाती है। उनकी इस विलक्षण प्रतिभा को मध्य प्रदेश सरकार की संस्कृति विभाग ने समझा और उन्हें राष्ट्रीय अवार्ड से सम्मनित किया।
परंपरा और पहचान को मंच तक ले गईं डॉ. कश्यप
डॉ. जयमति कश्यप ने जब पारंपरिक बस्तरिय वेशभूषा में मंच पर प्रवेश किया, तो वह दृश्य भारत की विविधता और आत्मा का जीवंत प्रतीक बन गया। उनकी उपस्थिति ने न केवल जनजातीय संस्कृति को राष्ट्रीय मंच पर सम्मान दिलाया, बल्कि यह भी दर्शाया कि परंपरा से जुड़कर भी आधुनिक उपलब्धि पाई जा सकती है।
जानिए कौन हैं डॉ. जयमति कश्यप?
डॉ. कश्यप कोंडागांव जिले की रहने वाली हैं और वह गोंडी भाषा, साहित्य, चित्रकला, कीटोकाट गायन, और जनजातीय परंपराओं की संरक्षिका रही हैं। उनके काम ने बस्तर की लोककला को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचाया। वे शिक्षाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता और कलाकार के रूप में बहुआयामी योगदान दे रही हैं।