‘ प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम ’ में 630 में से 179 कार्य अधूरे
‘ प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम ’ योजना के तहत आदिवासी बहुल ग्रामों में निर्माणाधीन विकास कार्य चार साल में पूरी नहीं हो सके। चयनित 225 ग्रामों में 40 करोड़ रुपए से ज्यादा लागत की विकास योजनाएं अधूरी हैं। अफसरों की समीक्षा के दौरान जपं पंचायतों की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट में 630 में से 179 कार्य अधूरे हैं। पंचायत स्तर पर विकास अधिकारियों की लापरवाही के चलते चार साल से कार्य पूर्ण नहीं हो सके। यही नहीं आला अफसरों की कमजोर मॉनीटरिंग के चलते 30 कार्य शुरू नहीं हो सके हैं। समीक्षा रिपोर्ट में विकास अधिकारियों ने दावा किया है कि 421 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। इसमें खास बात यह कि दस से अधिक कार्यों का स्थल बदल दिया गया है।
ग्रामों में 12-12 लाख रुपए की पहली किश्त भेजी गई
केंद्र सरकार की बहुप्रचारित योजना ‘ प्रधानमंत्री आदि आदर्श ’ ग्राम योजना वर्ष 2021-22 में शुरू हुई। चयनित ग्रामों में 20-20 लाख की विकास योजनाओं का निर्माण शुरू किया गया। पहली किश्त 12-12 लाख रुपए यानी 60 % राशि पंचायतों के खाते में भेजा गया। तत्कालीन अफसरों की अनदेखी के चलते कार्य पूर्ण नहीं हो सके। केंद्र शासन की सख्ती अफसरों ने मॉनीटरिंग शुरू की है। इसकी मॉनीटरिंग अधिकारियों के अलावा परियोजना सलाहकार समिति भी करती है। लेकिन डेढ़ साल से समिति भंग है। अध्यक्ष का चयन मुख्यमंत्री स्तर पर होता है।
225 ग्रामों में कार्यों की मॉनीटरिंग सिर्फ खानापूर्ति
परियोजना मंडल समिति भंग होने से आदिवासी बहुल 225 ग्रामों में 40 करोड़ रुपए से ज्यादा के विकास कार्यों की मॉनीटरिंग रेगुलर नहीं रही है। परियोजना मंडल सचिव मॉनीटरिंग के नाम पर खानापूर्ति कर इतिश्री कर ली। परियोजना प्रशासक का स्थानांतरण हो गया।
डेढ़ साल से अध्यक्ष का पद रिक्त, कलेक्टर को प्रभार
परियोजना मंडल के सितंबर-2024 माह में तत्कालीन पंधाना विधायक अध्यक्ष रहे। विस चुनाव के दौरान पद रिक्त हो गया है। वर्तमान समय में परियोजना सलाहकार मंडल समिति भंग है। जनजातीय कार्य विभाग में परियोजना सलाहकार मंडल समिति का अध्यक्ष पद डेढ़ साल से रिक्त है। अध्यक्ष पद मुख्यमंत्री को नामित करना है। आदिवासी विधायक को जिम्मेदारी सौंपी जानी है। पद रिक्त होने के दौरान कलेक्टर पदेन अध्यक्ष होता है। चुनाव खत्म होने के बाद इस योजना की मॉनीटरिंग जनप्रतिनिधियों के स्तर पर नहीं हो रही है। कलेक्टर और जिपं सीइओ स्तर पर मॉनीटरिंग कर रहे हैं।
इनमें किसी को मिल सकती है जिम्मेदार
परियोजना मंडल खंडवा-बुरहानपुर का अध्यक्ष पद रिक्त है। इस पद के लिए पंधाना, हरसूद और नेपानगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक पात्र हैं। तीनों में से मुख्यमंत्री किसी को भी अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर सकते हैं। दरअसल, इस समिति में खंडवा, बुरहानपुर दोनों जिले शामिल हैं। वर्तमान समय में पंधाना के पूर्व विधायक रामदागोरे रहे। चुनाव में विधायक बदलने के बाद पद रिक्त हो गया है।
फैक्ट फाइल
ब्लाक कार्यों की संख्या अपूर्ण कार्य खालवा 313 102 पंधाना 138 45 पुनासा 87 09 छैगांव माखन 32 12 खंडवा 27 07 बलड़ी 22 03 हरसूद 11 01 —————————————————— कुल 630 179
इनका कहना : -ऋषव गुप्ता कलेक्टर
प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्रामों में विकास योजनाओं की समीक्षा हर सप्ताह की जा रही है। इसकी मानीटरिंग जिला पंचायत और जनजातीय कार्यालय से कराई जा रही है। विकास कार्यों की प्रगति को लेकर जल्द ही रिव्यू करेंगे।