दरअसल इंदिरा सागर बांध निर्माण के लिए वन विभाग ने 621 हेक्टेयर जगह शासन को दी है। डेम निर्माण के दौरान इस जगह पर एनएचडीसी कार्यालय, स्टॉफ क्वाटर्स, ऑफिसर्स बंग्लों का निर्माण हुआ था। यहां आई लेबर यहीं पर बस गई और मकान बना लिए। धीरे-धीरे कर यहां पूरा गांव बस गया। यहां सरकारी सहित निजी मकान भी बन गए। पूर्व में गांव में मूलभूत सुविधाएं एनएचडीसी द्वारा ही प्रदान की जाती थी। वर्ष 1994 में नर्मदा नगर को ग्राम पंचायत का दर्जा दिया गया और मूलभूत सुविधाओं की जिम्मेदारी पंचायत के पास आ गई। साथ ही यहां शासन की सारी योजनाओं का भी लाभ ग्रामवासियों को दिया जाने लगा। 2011 के पूर्व इंदिरा आवास योजना का लाभ भी कई ग्रामीणों ने लिया।
ग्राम पंचायत में पीएम आवास योजना का लाभ हितग्राहियों को दिलाने वर्तमान पंचायत परिषद ने पहल की। सरपंच महेश जायसवाल द्वारा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल और विधायक नारायण पटेल सहित जिपं प्रतिनिधि सखाराम यादव को इस विसंगति से अवगत कराया गया। जनप्रतिनिधियों ने भोपाल में पंचायत ग्रामीण विकास विभाग मंत्री से चर्चा की और गांव को इसका लाभ दिए जाने का आग्रह किया। जिसके चलते रविवार को सचिव पंचायत ग्रामीण विकास विभाग आइएएस दिनेश जैन ने नर्मदा नगर पहुंचकर हितग्राहियों से चर्चा की। इस दौरान सीईओ जनपद पंचायत पुनासा अभिषेक द्विवेदी, सरपंच जायसवाल, सचिव प्रेमलाल सेन भी मौजूद रहे। यहां पीएम आवास प्लस के 750 हितग्राही पंजीकृत है। वहीं, पूर्व की प्रतीक्षा सूची में 125 हितग्राही भी राह देख रहे है। शासन की अनुमति मिलने पर हितग्राहियों को लाभ मिल पाएगा।