राहत मिली, बीमा का लाभ नहीं
किसानों का कहना है कि डेढ़ साल पहले सोयाबीन की फसल खराब होने पर शासन ने 155 करोड़ रुपए से अधिक राहत राशि दिया है। लेकिन बीमा कंपनियों ने एक रुपए का भी क्लेम नहीं दिया है। कई बार जिला स्तर पर अधिकारियों से मिले। इसके बाद भी क्लेम नहीं मिला। किसान संगठन मुख्यमंत्री के नाम दो साल में 11 बार आवेदन भी दे चुके हैं। प्रभारी उप संचालक कृषि, नितेश कुमार यादव ने बताया कि मामला जानकारी में आया है। इस संबंध में बीमा कंपनी और किसानों से चर्चा कर समस्या दूर कराएंगे। (fasal bima yojana) यह भी पढ़े –
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फसल बीमा किसानों के साथ धोखा है। कंपनी को सरकार 30 त्न राशि देती है। शेष 20 त्न किसान भरता है। दो साल पहले सोयाबीन की फसल बबर्बाद हुई। सरकार ने 156 करोड़ रुपए राहत राशि दी। क्लेम 200 करोड़ होता है। कंपनी ने सिर्फ एक करोड़ दिए। पॉलिसी नीति बदली चाहिए। जैसे व्यक्ति, वाहनों का बीमा होता। उसी प्रकार प्रति खेत का बीमा होना चाहिए। सुभाष पटेल, जिला महामंत्री, भारतीय किसान संघ (fasal bima yojana)
प्रक्रिया समझ से बाहर, कोर्ट जाएंगे
वर्ष 2020 से लेकर अब तक किसानों को क्लेम नहीं मिला। कुछ को छोड़े तो ज्यादातर को नहीं मिला कंपनी, कृषि विभाग से सर्वे लिस्ट तक नहीं मिली। क्लेम के लिए अब हाईकोर्ट जाएंगे। पहले रेंडम प्लाट पद्धति से क्लेम तय होता था। अब मालूम ही नहीं होता कैसे तय करते हैं।-म नरेंद्र पटेल, जिला अध्यक्ष, संयुक्त कृषक संघ (fasal bima yojana) यह भी पढ़े –
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सरकार जो अंश बीमा कंपनी को देती है। वह सीधे किसानों के खाते में दे। बैंकों से बीमित फसलों की रसीद मिलनी चाहिए। अहमदपुर खैगांव में बैंक ने 10-15 गांवों के किसानों के खाते से प्रीमियम काट लिया। दो साल बाद पैसे वापस कर दिए।किसानों को लाभ नहीं मिला।- त्रिलोक चंद्र पटेल, जिला अध्यक्ष, राष्ट्रीय मजदूर किसान संघ (fasal bima yojana)
फसल बीमा का क्लेम नहीं मिला
20 एकड़ फसल का बीमा करवाया था। करीब 6500 रुपए का फसल बीमा कराया था। निजी स्तर पर 2023 खरीफ सीजन की फसल बीमा हुआ था। सोयाबीन फसल खराब हुई। राहत राशि मिली। फसल बीमा का क्लेम आज तक नहीं मिला।- रघुवीर सिंह रोहणी, किसान, जावर (fasal bima yojana)