साधारण परिवार में जन्मी है अंकिता
अंकिता के पिता किराना दुकान चलाते और मां घर का काम करती हैं। साधारण परिवार में जन्मी अंकिता फिलहाल छत्तीसगढ़ पुलिस में कॉन्स्टेबल के पद पर तैनात है। अभी अंकिता की पोस्टिंग नक्सल सेल में है। अंकिता एक बेहतरीन एथलेटिक्स है, उन्होंने नेशनल लेवल पर और ऑल इंडिया पुलिस गेम्स में अब तक कई पदक पर अपना नाम दर्ज कराया है। कवर्धा जिले की रहने वाली अंकिता गुप्ता को पूरे प्रदेश के लोग बधाई दे रहे हैं।महिला आरक्षक के पद पर कार्यरत है अंकिता
अंकिता गुप्ता वर्ष 2014 से छत्तीसगढ़ पुलिस जिला कबीरधाम में महिला आरक्षक के पद पर कार्यरत है। विभाग में आने के बाद भी अपनी खेल की प्रतिभा का राज्य व राष्ट्रीय स्तर पर शानदार प्रदर्शन कर कर चुकी है। जिला पुलिस कबीरधाम के संचालन में फोर्स अकेडमी में युवाओं को निशुल्क शारीरिक व लिखित परीक्षा की ट्रेनिंग देती रही।युवाओं को दे रही नि:शुल्क प्रशिक्षण
बता दें कि अंकिता सालों से शहर और दूसरे जिलों की बेटियों को पुलिस भर्ती, सेंट्रल फोर्स से लेकर अनेक तरह के प्रशिक्षण नि:शुल्क दे रही हैं। अंकिता के प्रयास से अब तक करीब 200 से ज्यादा छात्राओं का चयन सेंट्रल फोर्स और पुलिस विभाग में हुआ है। अंकिता ने पुलिस विभाग की तरफ से 9 बार राष्ट्रीय स्तर का प्रतिनिधित्व किया है। साथ ही 2011 से एथलेटिक्स को लेकर भी पुलिस विभाग का मान भी बढ़ाया है।अब तक की उपलब्धियां
- पर्वतारोहण में सराहनीय योगदान: जनवरी 2022 में लद्दाख स्थित 6,080 m ऊँची यूटी कांग्री चोटी फतह की, जहाँ उन्होंने भी तिरंगा फहराया।
- 15–16 अगस्त 2022 को यूरोप की सबसे ऊंची चोटी, माउंट एल्ब्रुस (5,642 m), पर भारत का तिरंगा लहराया। उन्होंने पश्चिमी शिखर पर 5:43 AM और पूर्वी शिखर पर अगले दिन 4:23 AM पर झंडा फहराया।
पूर्व CM बघेल के हाथों हो चुकी है सम्मानित
- उत्कृष्ट साहस और महिला सशक्तिकरण के लिए उन्हें 2021 में “वीरनी पुरस्कार” से नवाजा गया।
- मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने 3 अगस्त 2022 को उन्हें तिरंगा भेंट कर सम्मानित किया, साथ ही एल्ब्रुस अभियान के लिए 5 लाख रुपये का अनुदान प्रदान किया।
सातों महाद्वीप की ऊंची चोटी में तिरंगा फहराने की ठानी
अंकिता का संकल्प अब मात्र यूरोप तक सीमित नहीं है। उन्होंने महाद्वीबद्ध शीर्षस्थ चढ़ाइयों पर तिरंगा फहराने का लक्ष्य तय किया है। अब तक सिर्फ एल्ब्रुस चढ़कर उन्होंने यह अभियान रोशन किया है, बाक़ी शिखरों की चढ़ाइयों की तैयारी अधर में है।अफ्रीका: किलिमंजारो (5,895 m)
नॉर्थ अमेरिका: डेनाली (6,190 m)
साउथ अमेरिका: अकोन्जागुआ (6,961 m)
ओशिनिया: कार्स्टेनज़ पिरामिड (4,884 m)
अंटार्कटिका: विन्सन मैसिफ़ (4,892 m)
