11 बोगियों को लेकर दौड़े दो इंजन
बता दें कि कटनी के झलवारा से मझगवां और कटंगी तक दो इंजन 11 बोगियों को लेकर बुलट की रफ्तार से दौड़े। उड़ते जंक्शन कहे जाने वाले इस ग्रेड सेपरेटर पर ये ट्रेन 120 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ी।
पहले दिन किया निरीक्षण, दूसरे दिन रफ्तार से दौड़ाई ट्रेन
पहले दिन रेल सुरक्षा आयुक्त ने रेल लाइन, प्वॉइंट की हाउसिंग, टंग रेल, ब्रिज के ले आउट गर्डर, स्पैन, बेयरिंग, चैनल स्लीपर, बैलास्ट, ग्लूड जॉइंट, ट्रॉली घर, कुशन, इम्प्रूव्ड SEJ, OHE लाइन, चेयरप्लेट, कर्व, लेवल क्रॉसिंग के साथ ही पॉइंट का गहन निरीक्षण किया। वहीं दूसरे दिन दो इंजनों और 11 बोगियों वाली ट्रेन को डाउन ट्रैक पर 120 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से दौड़ाया।
एशिया के सबसे बड़े रेल ब्रिज के रोचक फैक्ट
लागत- 1800 करोड़ रुपए
अब-डाउन समेत- 33.4 किमी लंबाई
ग्रेड सेपरेटर -676 पिलरों पर बनाया गया है
स्पीड ट्रायल– सफल
आगे क्या
यात्री ट्रेन के बाद गुड़्स ट्रेन का परिचालन भी जल्द होगा शुरू, कटनी स्टेशनों पर रेल ट्रैफिक से मिलेगी राहत। यह ग्रेड सेपरेटर भारत ही नहीं एशिया का सबसे लंबा रेलवे ब्रिज (Asia Largest Rail Bridge) बनने जा रहा है, संरचनात्मक दृष्टि से महत्वपूर्ण ये ब्रिज रेलवे संचालन में नई संभावनाओं की राह खोलेगा।