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स्लीमनाबाद तहसील में 17 मिनट में जारी हो गए 10 फर्जी ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र

बहोरीबंद एसडीएम व स्लीमनाबाद तहसील में पदस्थ कम्प्यूटर आपरेटर का कारनामा, तहसीलदार ने जारी किया नोटिस, मांगा जवाब

कटनीJun 14, 2025 / 08:10 pm

balmeek pandey

fake ews certificate

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कटनी. ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र एक सरकारी दस्तावेज है जो किसी व्यक्ति की आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित स्थिति को प्रमाणित करता है। यह प्रमाण पत्र उन लोगों को दिया जाता है जो सामान्य (अनारक्षित) श्रेणी से हैं लेकिन उनकी पारिवारिक आय 8 लाख रुपए से कम है। इस प्रमाण पत्र के माध्यम से उन्हें सरकारी नौकरियों, शिक्षा और अन्य लाभों में 10 फीसदी आरक्षण का लाभ मिलता है। यह प्रमाण पत्र उन लोगों के लिए हैं जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और सामान्य वर्ग से संबंधित हैं लेकिन इस ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र को बनवाने के लिए बहोरीबंद राजस्व अनुभाग के तहसील कार्यालयों मे गिरोह सक्रिय हैं। यहां बिना किसी जांच पड़ताल के धड़ल्ले से पैसों के लेनदेन पर ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं। ताजा मामला स्लीमनाबाद तहसील का सामने आया हैं। जहा 17 मिनट में 10 ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र कम्प्यूटर आपरेटर द्वारा तहसीलदार के डिजिटल साइन से जारी कर दिए गए लेकिन इस पूरे मामले की जानकारी न तो स्लीमनाबाद तहसीलदार को हैं न एसडीएम बहोरीबंद को हैं।

बहोरीबंद एसडीएम कार्यालय से चल रही साठगांठ

ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने का खेल एसडीएम कार्यालय में पदस्थ कम्प्यूटर आपरेटर पूजा विश्वकर्मा के द्वारा किया जा रहा हैं, जिसकी हकीकत बयां की स्लीमनाबाद तहसील कार्यालय मे पदस्थ कम्प्यूटर आपरेटर जग्गू सिंह व एमपी ऑनलाइन संचालन कर्ता योगी राज सिंह ने। कम्प्यूटर आपरेटर जग्गू झारिया ने बताया कि बहोरीबंद एसडीएम कार्यालय से कम्प्यूटर आपरेटर पूजा विश्वकर्मा का फोन आया था कि ये ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी करना हैं एसडीएम साहब ने कहा है। हर प्रमाण पत्र पर खर्चा मिल जाएगा। लिहाजा तहसीलदार को इसकी जानकारी नहीं दिया ओर प्रमाण पत्र जारी कर दिए गए। इसी तरह स्लीमनाबाद मे संचालित एमपी ऑनलाइन संचालक योगराज सिंह का कहना है कि कुछ ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने के आवेदन लेकर लोग आए थे, जिसके लिए बहोरीबंद एसडीएम कार्यालय मे पदस्थ कम्प्यूटर आपरेटर पूजा विश्वकर्मा से चर्चा हुई। उन्होंने प्रमाण पत्र सीधे तौर पर स्लीमनाबाद तहसील कार्यालय से बनवाने की बात कही।
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ऑपरेटर का कमीशन 300 रुपए फिक्स

ऑनलाइन संचालकों ने बताया कि प्रमाण पत्र के एवज में प्रति आवेदन 300 रुपए पूजा विश्वकर्मा को दिए जाने की भी बात हुई। प्रति आवेदन कर्ता से 600 रूपए लिए गए, जिसमें 300 रुपए प्रति आवेदन एसडीएम कार्यालय बहोरीबंद में पदस्थ कम्प्यूटर आपरेटर पूजा विश्वकर्मा को दिए गए और 300 रुपए प्रति आवेदन स्वयं अपने पसा रखा, जिसमें कुछ ऑनलाइन फीस भी शामिल है।

नियमों के विपरीत हुआ खेल

जब इस मामले की जानकारी का खेल खुलकर सामने आया और स्लीमनाबाद तहसीलदार सारिका रावत से बात की गई तो उन्होंने बताया कि मुझे इस मामले की बिल्कुल भी जानकारी नहीं है। क्योंकि ईडब्ल्यूएस प्रमाण बनवाने के लिए लोकसेवा केंद्र के माध्यम से आवेदन किए जाते है। उस आवेदन पत्र की जांच पड़ताल उपरांत पटवारी प्रतिवेदन लगता है उसके बाद ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र जारी किया जाता है। उन्होंने कहा कि स्लीमनाबाद तहसील को बदनाम करने यह साजिश के तहत षड्यंत्र किया गया है। पूरे मामले की जानकारी से एसडीएम बहोरीबंद को अवगत करा दिया गया है।
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कंप्यूटर ऑपरेटर से मांगा जबाव

तहसीलदार सारिका रावत ने बताया कि स्लीमनाबाद तहसील कार्यालय के कंप्यूटर आपरेटर व बहोरीबंद एसडीएम कार्यालय की कम्प्यूटर आपरेटर को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। समाधानकारक जवाब न मिलने पर दोनों ही आपरेटर व एमपीऑनलाइन संचालक के विरुद्ध कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।

एसडीएम ने कही यह बात

राकेश चौरसिया, एसडीएम, बहोरीबंद ने कहा कि ईडब्ल्यूएस प्रमाण पत्र बनवाने में कम्प्यूटर आपरेटरों की भूमिका सामने आई है। स्लीमनाबाद तहसीलदार को दोनों ही कार्यालयों के कम्प्यूटर आपरेटरो को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने निर्देशित किया गया है। जवाब उपरांत आगामी कार्रवाई प्रक्रिया के तहत की जाएगी।

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