मिट्टी से भवन निर्माण, सीमेंट-रेत गायब
निर्माण स्थल पर देखने से स्पष्ट होता है कि जहां दीवारों और नींव में सीमेंट, गिट्टी और रेत का उपयोग होना चाहिए था, वहां मिट्टी डाली जा रही है। पत्थर और मिट्टी का भवन बनाया जा रहा है। मजदूरों को भी यह निर्देश सरपंच-सचिव द्वारा दिया गया है कि लागत बचाने के लिए मिट्टी का ही प्रयोग करें। इससे भवन का टिकाऊपन और मजबूती पूरी तरह संदिग्ध हो गई है। ग्रामीणों का कहना है कि भवन निर्माण की यह स्थिति आने वाले समय में हादसे की वजह बन सकती है।
सवालों के घेरे में पंचायत
यह मामला केवल एक पंचायत का नहीं बल्कि पूरे जनपद स्तर की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न खड़ा करता है। सांसद निधि का उद्देश्य जनहित कार्य है, लेकिन यदि राशि का उपयोग सिर्फ भ्रष्टाचारियों की जेब भरने में हो रहा है, तो इसका सीधा नुकसान जनता को उठाना पड़ेगा। ग्राम पंचायत करहिया क्रमांक-01 में सामुदायिक भवन निर्माण के नाम पर हो रही धांधली से यह साफ है कि भ्रष्टाचार की जड़ें पंचायत स्तर तक गहरी हो चुकी हैं। सवाल यह है कि सांसद निधि जैसी महत्वपूर्ण राशि की निगरानी कौन करेगा और कब तक जनता की मेहनत की कमाई भ्रष्टाचारियों की भेंट चढ़ती रहेगी।मामला मेरे संज्ञान में आया है। उपयंत्री व इंजीनियर से इस मामले की जांच कराई गई है। निर्माण को तुड़वाते हुए नया गुणवत्तायुक्त कराया जाएगा। जांच रिपोर्ट में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आरएन सिंह, सीइओ जनपद रीठी।