Shri Mahaveer Ji Karauli: भारत वर्ष का जैन संप्रदाय का दूसरा सबसे बड़ा तीर्थ स्थल श्री महावीर जी जिसे राजस्थान की अंहिसा नगरी के नाम से जाना जाता है ,जहां देश, प्रदेश व विदेशों से वर्षभर लाखों की संख्या में भक्तगण भगवान महावीर के दर्शन करते हैं चादनपुर वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध यह तीर्थ स्थल शांति और भक्ति का प्रमुख तीर्थ अतिशय क्षेत्र है हजारों वर्षों पूर्व के पौराणिक इतिहास में भगवान महावीर का चमत्कार आमजन के लिए श्रद्धा का विषय बना हुआ है लगभग 1020 वर्ष पूर्व गंभीर नदी के तट पर एक ग्वाले की गाय अपना दूध स्वतः ही निकलने के चमत्कार से कोतूहल का विषय बन गई। इसी घटना से ग्वाले ने गाय का पीछा कर उस अतिशय स्थल की खुदाई की खुदाई में चमत्कारिक अष्टधातु की प्रतिमा प्रकट हुई।
ऐसी कहावत हैं कि तत्कालीन जयपुर के महाराजा द्वारा उस मूलनायक प्रतिमा को जयपुर स्थापित करने के प्रयास किए गए लेकिन भगवान जिनेंद्र की इच्छा के खिलाफ ऐसा नहीं हो सका। ऐसी कहावत है कि” भगवान महावीर ने चरण छतरी से वर्तमान मंदिर तक 900 गाड़ियों को तोड़ दिया” और वर्तमान मंदिर स्थल पर आज से 500 वर्ष पहले एक विशाल मंदिर का निर्माण हुआ जहां भगवान महावीर मूलनायक चमत्कारिक प्रतिमा में विराजमान हैं और देश व प्रदेश से प्रतिवर्ष लगभग 10 .5लाख श्रद्धालु चांदनपुर वाले बाबा महावीर के दर्शन करते हैं ।
तीर्थ क्षेत्र श्री महावीर जी का प्रबंधन का जिम्मा जैन संप्रदाय की राष्ट्रीय स्तर की कमेटी श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र प्रबंधकारिणी कमेटी के हाथों में है जिसका मुख्यालय जयपुर स्थित भट्टारक जी की नसिया पर स्थित है वर्तमान अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल है। यात्रियों की सुविधा के लिए क्षेत्र में यात्रियों के रुकने पर ठहरने के लिए लगभग 2 दर्जन से अधिक धर्मशालाएं बनी हुई है जिनमें अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त 3000 विस्तार व 1500 से अधिक आवास के कमरे बने हुए हैं।