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कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट में तुर्की की कंपनी पर 80 करोड़ लेकर भागने का आरोप, जानें पूरा मामला

ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्की को भी भारत की नाराजगी झेलनी पड़ी। इसका कारण तुर्की को पाकिस्तान को युद्ध की सामग्री देना। ऐसे में कानपुर मेट्रो परियोजना में काम कर रही कंपनी पर 40 से अधिक ठेकेदारों के करीब 80 करोड़ रुपये नहीं चुकाने का आरोप है।

कानपुरMay 28, 2025 / 04:36 pm

Avaneesh Kumar Mishra

AI द्वारा जेनरेटेड इमेज।

कानपुर (Boycott Turkey Trend) : ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्की को भी भारत की नाराजगी झेलनी पड़ी। इसकी वजह है पाकिस्तान को तुर्की ने अपने ड्रोन और कुछ युद्ध सामग्री दी थी। अब देशवासियों ने पूरी तरह से तुर्की का बायकाट कर दिया है। लोग न ही टूर और ट्रिप के लिए तुर्की जा रहे हैं और न ही तुर्की से कोई व्यापार करना चाह रहे हैं। ऐसे में कानपुर मेट्रो में तुर्की की एक कंपनी टनल बनाने का काम कर रही थी, कंपनी के अंडर काम करने वाले सब-ठेकेदारों ने कंपनी पर 80 करोड़ बकाया लेकर फरार हो जाने का आरोप लगाया है। आइए समझते हैं पूरी कहानी…

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गुलेरमक कंपनी फरार, कार्यालय पर ताला

कानपुर मेट्रो के टनल निर्माण में लगी तुर्की की इस कंपनी ने काम तो पूरा कर लिया, लेकिन सब-कॉन्ट्रैक्टर्स का भुगतान किए बिना ही अधिकारियों ने चुपचाप दफ्तर बंद कर दिया और फोन बंद कर भूमिगत हो गए। अब कंपनी के कानपुर स्थित कार्यालय पर ताला लटका है। आरोप है कि कंपनी ने 40 से अधिक ठेकेदारों के करीब 80 करोड़ रुपये नहीं चुकाए। नाराज ठेकेदारों ने जिलाधिकारी कार्यालय में एसीएम को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।

इस भारतीय वेंचर के साथ साझेदारी

जानकारी के मुताबिक, गुलेरमक कंपनी ने इस प्रोजेक्ट को भारतीय कंपनी सैम इंडिया के साथ संयुक्त रूप से अंजाम दिया था। तुर्की की कंपनी ने 53 स्थानीय फर्मों को अलग-अलग कार्य सौंपे थे, लेकिन काम पूरा होने के बावजूद उन्हें पूरा भुगतान नहीं मिला।

मेट्रो से नहीं कोई लेना देना, ठेकेदार और कंपनी का विवाद

उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) के जनसंपर्क अधिकारी पंचानन मिश्रा के अनुसार, गुलेरमक कंपनी द्वारा 5 किलोमीटर की अप-डाउन लाइन पर चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा और नयागंज स्टेशनों तक टनल निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को इसका उद्घाटन करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ठेकेदारों और कंपनी के बीच का यह विवाद मेट्रो प्रोजेक्ट से संबंधित नहीं है।
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मेट्रो प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने ठेकेदारों को भुगतान का आश्वासन दिया है। यदि ऐसा नहीं होता, तो सरकार के हस्तक्षेप से 100 करोड़ रुपये की जमा गारंटी मनी से ठेकेदारों को भुगतान किया जाएगा।

कई फर्मों का करोड़ों में बकाया

शिकायत दर्ज कराने पहुंचे नौ ठेकेदारों में जिनका सबसे ज्यादा भुगतान लंबित है, वे हैं:

मेट्रो मार्बल्स : ₹3.70 करोड़
रेडिएंट सर्विसेज : ₹1.20 करोड़
श्रेयांस इंफ्राटेक : ₹1.70 करोड़
एस इंटीरियर : ₹74.80 लाख
एमडी एहसान पेंटर : ₹39.80 लाख
विनोद गुप्ता इंटरप्राइजेज : ₹8.54 लाख
नंदन प्रीफैब : ₹29.50 लाख
श्री बालाजी इंटरप्राइजेज : ₹21.50 लाख

कंपनी ने दिया यह बयान

काफी समय तक चुप्पी साधे रहने के बाद, मंगलवार देर रात गुलेरमक कंपनी की ओर से बयान जारी किया गया जिसमें कहा गया कि सभी ठेकेदारों का भुगतान समय रहते कर दिया जाएगा।

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