गुलेरमक कंपनी फरार, कार्यालय पर ताला
कानपुर मेट्रो के टनल निर्माण में लगी तुर्की की इस कंपनी ने काम तो पूरा कर लिया, लेकिन सब-कॉन्ट्रैक्टर्स का भुगतान किए बिना ही अधिकारियों ने चुपचाप दफ्तर बंद कर दिया और फोन बंद कर भूमिगत हो गए। अब कंपनी के कानपुर स्थित कार्यालय पर ताला लटका है। आरोप है कि कंपनी ने 40 से अधिक ठेकेदारों के करीब 80 करोड़ रुपये नहीं चुकाए। नाराज ठेकेदारों ने जिलाधिकारी कार्यालय में एसीएम को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है।इस भारतीय वेंचर के साथ साझेदारी
जानकारी के मुताबिक, गुलेरमक कंपनी ने इस प्रोजेक्ट को भारतीय कंपनी सैम इंडिया के साथ संयुक्त रूप से अंजाम दिया था। तुर्की की कंपनी ने 53 स्थानीय फर्मों को अलग-अलग कार्य सौंपे थे, लेकिन काम पूरा होने के बावजूद उन्हें पूरा भुगतान नहीं मिला।मेट्रो से नहीं कोई लेना देना, ठेकेदार और कंपनी का विवाद
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (UPMRC) के जनसंपर्क अधिकारी पंचानन मिश्रा के अनुसार, गुलेरमक कंपनी द्वारा 5 किलोमीटर की अप-डाउन लाइन पर चुन्नीगंज, नवीन मार्केट, बड़ा चौराहा और नयागंज स्टेशनों तक टनल निर्माण कार्य सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 मई को इसका उद्घाटन करेंगे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ठेकेदारों और कंपनी के बीच का यह विवाद मेट्रो प्रोजेक्ट से संबंधित नहीं है।शादाब ने चचेरी बहन के साथ जबरन संबंध बनाने की कोशिश… पीड़िता ने खुद को जलाया, 12 साल बाद कोर्ट ने दी यह सजा
मेट्रो प्रवक्ता ने बताया कि कंपनी ने ठेकेदारों को भुगतान का आश्वासन दिया है। यदि ऐसा नहीं होता, तो सरकार के हस्तक्षेप से 100 करोड़ रुपये की जमा गारंटी मनी से ठेकेदारों को भुगतान किया जाएगा।कई फर्मों का करोड़ों में बकाया
शिकायत दर्ज कराने पहुंचे नौ ठेकेदारों में जिनका सबसे ज्यादा भुगतान लंबित है, वे हैं: मेट्रो मार्बल्स : ₹3.70 करोड़रेडिएंट सर्विसेज : ₹1.20 करोड़
श्रेयांस इंफ्राटेक : ₹1.70 करोड़
एस इंटीरियर : ₹74.80 लाख
एमडी एहसान पेंटर : ₹39.80 लाख
विनोद गुप्ता इंटरप्राइजेज : ₹8.54 लाख
नंदन प्रीफैब : ₹29.50 लाख
श्री बालाजी इंटरप्राइजेज : ₹21.50 लाख