असरुद्दीन पर दोस्त के हत्या का आरोप
उत्तर प्रदेश के कानपुर के जिला जेल में असरुद्दीन निवासी तिवारीपुर जाजमऊ बंद था। जो बीती रात गंगा नदी की तरफ वाली दीवाल को फांदकर भाग गया। असरुद्दीन अपने दोस्त की हत्या के जुर्म में जेल में था। जो मूल रूप से आसाम का रहने वाला है। आरोप था कि उसने 8 जनवरी 2024 को इस्माइल नाम के युवक की हत्या कर दी। जिस पर पत्नी के साथ अवैध संबंध होने का शक था।
गिनती में असरुद्दीन गायब मिला
बीते 8 अगस्त की रात को जेल में कैदियों की गिनती के दौरान असरुद्दीन गायब मिला। दोबारा फिर गिनती की गई। लेकिन असरुद्दीन का पता नहीं चला। जेल परिसर की जांच की गई। जेल अधीक्षक ने असरुद्दीन के भागने की जानकारी पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार और डीजी जेल को दी। घटना की जानकारी मिलने पर डीसीपी ईस्ट सत्यजीत गुप्ता, एडीसीपी अंजलि विश्वकर्मा सहित अन्य अधिकारी जेल पहुंच गए। जिन्होंने मौके का निरीक्षण किया। कैदी को पकड़ने के लिए कई टीम में लगाई गई।
पिछले कई दिनों से भगाने के फिराक में था असरुद्दीन
जांच में खुलासा हुआ कि असरुद्दीन ने बहुत पहले ही भागने की प्लानिंग कर ली थी। जिसको अंजाम तक पहुंचाने के लिए उसने गंगा नदी के किनारे वाली दीवार का चयन किया। जो ब्लैक स्पॉट था। यहां पर कोई सीसीटीवी कैमरा भी नहीं लगाया गया था। जांच में इस बात का खुलासा हुआ है।
जिला जेल में करीब 250 सीसीटीवी कैमरे लगे
जिला जेल में करीब 250 सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। जिनकी भी जांच की गई। जिससे जानकारी हुई की असरुद्दीन राशन गोदाम की छत से चढ़कर दीवार के माध्यम से मुख्य गेट के ऊपर से होता हुआ गंगा नदी की तरफ वाली दीवार पर पहुंचा। जहां से वह कूद कर फरार हो गया। कानपुर जिला जेल में तीन तरफ ऊंची ऊंची दीवारें हैं। जबकि एक तरफ गंगा नदी बह रही है।
डीजी जेल ने चार अधिकारियों को किया निलंबित
घटना की जानकारी मिलने पर डीजी जेल प्रेमचंद मीणा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए जेलर मनीष कुमार, डिप्टी जेलर रंजीत यादव, जेल वार्डन दिलशाद खान, नवीन कुमार मिश्रा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। पूरे घटनाक्रम की जांच डीआईजी जेल प्रदीप गुप्ता को सौंप गई है। जिसे एक हफ्ते के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है।