आनंदेश्वर महादेव में उमड़ी भीड़
उत्तर प्रदेश के कानपुर में सावन के आखिरी सोमवार पर बड़ी संख्या में भक्तगण जलाभिषेक वाले पहुंच रहे हैं। आनंदेश्वर मंदिर में भी भक्तों की भीड़ उमड़ी है। यहां के कॉरिडोर में करीब 2 फुट पानी भरा हुआ है। जिसके बीच से जयकारे लगाते हुए भक्त जलाभिषेक के लिए जा रहे हैं। मौसम विशेषज्ञ डॉक्टर एसएन सुनील पांडे ने बताया कि कल से लगातार बारिश हो रही है। आज सुबह 3.30 बजे से दोपहर करीब 2.30 बजे तक बारिश हुई है। इस बीच करीब 62 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है। जिसका असर कॉरिडोर में देखने को मिला। लेकिन भक्तों के उत्साह में कोई कमी नहीं है। हर हर महादेव के नारे के साथ आगे बढ़ते चले जा रहे हैं।
मां गंगा के किनारे प्रकट हुए आनंदेश्वर महादेव
आनंदेश्वर महादेव शिवालय महाभारत काल के पहले का है। मां गंगा किनारे स्थित आनंदेश्वर महादेव के दरबार में हजारों की संख्या में भक्तगण रोजाना पहुंचते हैं। मान्यता है कि आनंदेश्वर महादेव भक्तों की मनोकामना पूरी करते हैं। मंदिर करीब तीन एकड़ में विशाल क्षेत्र में फैला है। यहां पर एक समय टीला हुआ करता था।
आनंदी के नाम पर आनंदेश्वर
यहां पर राजा की गायें चरने के लिए आती थी। आनंदी नाम की गाय इस टीले पर रोजाना आकर बैठ जाती थी। वापसी में जब वह जाने लगती तो थन से स्वत: दूध टीले में गिरने लगता था। इस बात की जानकारी जब राजा को हुई। एक दिन वह खुद देखने के लिए मौके पर पहुंच गया। यहां पर उन्होंने टीले की खुदाई कराई। जहां से शिवलिंग प्रकट हुए। राजा ने रुद्राभिषेक के बाद शिवलिंग की स्थापना करवा दी। इसके बाद से आनंदी का दूध टीले पर निकलना बंद हो गया। शिवालय का नाम आनंदी के नाम पर आनंदेश्वर रखा गया।