उत्तर प्रदेश के कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र अंतर्गत कोटरा गांव निवासी जीतू निषाद पुत्र रमेश चंद्र ने घर के अंदर फांसी के फंदे लटक कर अपनी जान दे दी। घटना की जानकारी मिलते ही घर में कोहराम मच गया। मृतक पिता रमेश चंद्र ने यूपी 112 को सूचना दी। घटना की जानकारी मिलने पर मौके पर यूपी 112 के साथ फॉरेंसिक और सजेती थाना पुलिस भी पहुंच गई। घटनास्थल का एसीपी घाटमपुर और पुलिस उपायुक्त दक्षिण योगेंद्र नाथ चौधरी ने भी निरीक्षण किया।
4 जून को हुई थी लड़ाई
पिता रमेश चंद्र ने बताया कि 4 जून को उनके बेटे जीतू और पत्नी सुमन के बीच लड़ाई हो गई थी। जिसके बाद सुमन बेटियों को लेकर मायके बीरबल अकबरपुर चली गई। जीतू 6 जून को अपनी पत्नी को लेने के लिए ससुराल चला गया और उसे साथ चलने को कहा। लेकिन पत्नी तैयार नहीं थी।
पत्नी ने 112 पर फोन किया
इसी बीच सुमन ने 112 पर फोन कर दिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस जीतू को लेकर चौकी चली गई। जहां दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया। 8 जून को जीतू एक बार फिर पत्नी को लेने के लिए पहुंचा। लेकिन ससुराल में उसके साथ गाली गलौज और अभद्रता की गई। पत्नी ने एक बार फिर पुलिस को बुला लिया। पुलिस जीतू को चौकी ले गई। जहां उसके साथ मारपीट की गई।
बेटे को छोड़ने के लिए 20 हजार की डिमांड
पिता ने बेटे को छोड़ने की मांग की तो पुलिस ने 20 हजार रुपए की डिमांड की। रमेश ने बताया कि गेहूं बेचकर उसने 15 हजार रुपए पुलिस को दिए। 5 हजार रुपए के लिए पुलिस ने बेटे को धमकाया। 9 जून को अपने बेटों को लेकर घर आया। शाम के समय जीतू ने अपने आप को कमरे में बंद कर लिया। जब रात को खाना के लिए बुलाने गए तो जीतू फांसी के फंदे से लटका मिला। आनन-फानन उसे उतारा गया। लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
क्या कहते हैं पुलिस उपायुक्त दक्षिण?
पुलिस उपायुक्त दक्षिण दीपेंद्र नाथ चौधरी ने बताया कि पिता रमेश चंद्र के आरोपी के संबंध में जांच किया गया। प्रथम दृष्ट्या सब इंस्पेक्टर गौरव सालिया और हेड कांस्टेबल रवि दोषी पाए गए। जिन्हें निलंबित कर दिया गया है। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। घटना की जांच की जा रही है। जो भी दोषी होगा। उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी