पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिला नेतृत्व में गुटबाजी और आंतरिक खींचतान ही संगठन विस्तार में सबसे बड़ी बाधा है। हाल ही में कुछ मंडल नियुक्तियों के बाद सामने आई नाराजगी,और एक
वायरल वीडियो के ज़रिए उजागर हुआ विवाद, संगठन की एकजुटता पर सवाल खड़े करता है।
संगठन के अंदर चल रहे समीकरण
उपाध्यक्ष पद के लिए महेंद्र ठाकुर, राजीव लोचन सिंह, दिलीप जायसवाल, अरविंद जैन, बृजेश चौहान, अनूप राठौर, देवेंद्र सिंह भाऊ और नंदू ओझा गौतम लुंकड़ के नाम की चर्चा हैं। महामंत्री के लिए राजा देवनानी, मोनिका शाह, हीरा मरकाम और आलोक ठाकुर, कोषाध्यक्ष के लिए अरुण कौशिक और अनूप राठौर, कार्यालय मंत्री के लिए राजीव लोचन सिंह और मीडिया प्रभारी के लिए संजय सिन्हा का नाम चल रहा है। वहीं अंतागढ़ विधायक के करीबी आसिफ शेखानी और सांसद कोटे से उत्तम जैन के नाम सामने आ रहे हैं, जिससे संगठन के अंदर समीकरण और जटिल हो गए हैं। पार्टी में वर्षों से सक्रिय जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी कर हाल ही में कांग्रेस छोड़कर आए नेताओं को प्राथमिकता दी जा रही है। इससे न केवल पुराने कार्यकर्ता हतोत्साहित हैं, बल्कि संगठन के भीतर असंतोष भी गहराने की आशंका है। कई दावेदार वरिष्ठ नेताओं से समर्थन जुटाने में लगे हैं। हालांकि विधायक आशाराम नेताम की चुप्पी पूरे घटनाक्रम में ध्यान आकर्षित कर रही है।
संगठन में किसी प्रकार की गुटबाजी नहीं
नगर पालिकाध्यक्ष अरुण कौशिक का नाम कोषाध्यक्ष पद के लिए चर्चा में है जिससे उनकी भूमिका को लेकर भी अटकलें तेज हो गई हैं। मैनपाट में संपन्न भाजपा सांसद-विधायक बैठक में
बस्तर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों के प्रदर्शन को असंतोषजनक बताया गया। इससे चिंता और गहरा गई है कि संगठनात्मक विस्तार में देरी कहीं पार्टी की रणनीति और आगामी चुनावी तैयारियों को नुकसान न पहुँचा दे।
CG News: भाजपा जिलाध्यक्ष महेश जैन ने बताया कि जल्द ही जिला संगठन का विस्तार किया जाएगा। इसमें सिर्फ उन्हीं कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी जो सक्रिय और समर्पित हैं। प्रदेश नेतृत्व के निर्देशों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। संगठन में किसी प्रकार की गुटबाजी नहीं है। जिला संगठन में नियुक्तियों की देरी और नेतृत्व की चुप्पी ने कार्यकर्ताओं को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है। पार्टी के लिए यह आवश्यक हो गया है कि वह जल्द से जल्द संगठनात्मक संतुलन साधे और स्थानीय कार्यकर्ताओं का विश्वास बहाल करे, ताकि आगामी स्थानीय चुनावों में पार्टी मजबूत स्थिति में उतर सके।