CG News: साय सरकार के फैसले का सबसे बड़ा नुकसान
10463 स्कूल सीधे तौर पर बंद कर दिए गए हैं। नए सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षकों की न्यूनतम पदों की संया में कटौती करके शिक्षक के हजारों पद को खत्म कर दिया गया है। रमन सरकार के दौरान भी प्रदेश में 3300 से अधिक स्कूलों को बंद एवं 12000 शिक्षकों के पद को भी खत्म किया गया था। वर्तमान भाजपा सरकार सरकारी शिक्षा व्यवस्था को चौपट करने एवं नए शिक्षकों की भर्ती ना करनी पड़े इसलिए युक्तियुक्तकरण की नीति ला रही है। साय सरकार के फैसले का सबसे बड़ा नुकसान
बस्तर और सरगुजा के आदिवासी अंचलों में पढ़ने वाले बच्चों पर होगा। एआईसीसी सचिव राजेश तिवारी ने कहा कि भाजपा सरकार के युक्तियुक्तकरण नीति से स्कूलों को जबरन बंद किए जाने से शिक्षक एवं 10463 स्कूलों में कार्यरत हजारों रसोईया, स्वीपर और मध्याह्न भोजन बनाने वाली महिला स्व सहायता समूह की बहनों के समक्ष जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो गया है।
नए सेटअप के तहत सभी प्राथमिक, माध्यमिक, हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदों में कटौती के चलते युवाओं के लिए नियमित शिक्षक के पद पर नई भर्ती के अवसर कम हो जाएंगे, इससे शिक्षा के स्तर पर बुरा असर पढ़ना निश्चित है। भाजपा सरकार ने इतना बड़ा निर्णय थोपने से पहले ना शिक्षक संगठनों की राय ली गयी, ना पालक संघ से पूछा गया और ना ही शिक्षाविद और छात्र संगठनों से कोई चर्चा की गई।
सरकार के शिक्षा विरोधी फैसले के खिलाफ पूरे प्रदेश में आक्रोश है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 58000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, हर महीने सैकड़ों शिक्षक रिटायर हो रहे हैं, कई वर्षों से शिक्षकों का प्रमोशन रुका हुआ है, स्थानांतरण को लेकर कोई ठोस पॉलिसी नहीं बना पाए ऐसे में युक्तियुक्तकरण के नाम पर शिक्षकों को डरा कर भाजपा सरकार वसूली करना चाहती है।
सावित्री मंडावी ने कहा कि युक्तियुक्तकरण नीति से दूरस्थ क्षेत्र विशेष कर बस्तर, सरगुजा, जशपुर जैसे जगह पर स्कूलों की कमी होगी। सरकार झूठ बोल रही है कि स्कूल बंद नहीं होंगे जबकि सच्चाई यहां है कि मर्ज किए गए स्कूलों का डायस कोड विलोपित कर दिया गया है। भाजपा ने विधानसभा चुनाव में दावा किया था कि राज्य में 58000 शिक्षकों के पद खाली है एवं यहां घोषणा भी किया गया था कि 35000 पद भरे जाएंगे।
शिक्षा न्याय आंदोलन
CG News: इस वर्ष के बजट में भी 20000 शिक्षकों की भर्ती की बात की गई है लेकिन यह भर्ती नहीं करनी पड़े इसलिए 45000 पद समाप्त किया किया जा रहा है। जब पद ही खाली नहीं रहेंगे तो भर्ती कहां से करेंगे, यूक्तियुक्तकारण शिक्षा विरोधी कदम है। स्कूलों के बंद होने से रसोईया, चौकीदार जैसे सभी पद समाप्त हो जाएंगे। हजारों लोग रोजगार के अवसर से समाप्त हो जाएंगे। कांग्रेस इसके खिलाफ जमीन की लड़ाई लड़ेगी। जिला अध्यक्ष सुभद्रा सलाम ने बताया कि चरणबद्ध शिक्षा न्याय आंदोलन किया जाना है जिसके तहत 9 से 11 जून तक ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया जाएगा। 16 से 25 जून तक 3 से 5 किमी तक शिक्षा
न्याय पदयात्रा एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव किया जाएगा एवं 1 से 10 जुलाई तक प्रत्येक ब्लॉक में 5 से 10 बंद किए जाने वाले स्कूलों में तती के साथ विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।
पत्रकार वार्ता में प्रदेश सचिव जितेन्द्र सिंह ठाकुर, जनकनंदन कश्यप, मुकेश ठक्कर, सुनील गोस्वामी, नरेन्द्र यादव, नितिन पोटाई, तरेंद्र भंडारी, सावित्री वट्टी, रोहिदास शोरी, मनोज जैन, सरजू शोरी, यासीन कराणी, अजय सिंह रेणु, लोमेन्द्र यादव, मतीन खान, हिरवेंद्र साहू, विश्राम गावड़े, शिवभान ठाकुर, कमलेश कोमरा, दीपक शोरी, चंद्रलोक ठाकुर, आनंद चौरसिया, अजय भाषवानी, कमलेश देवांगन, सूर्या नेताम, सुमित राय, महेन्द्र नायक, शेष गजबिए, किसन साहू, अमन गायकवाड़, अमित साहू, विनय ठाकुर, देवा कोरेटी, सुरेन्द्र कोर्राम आदि उपस्थित थे।