खर्च में होगी बड़ी बचत
यह प्रोजेक्ट इलेक्ट्रिकल विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर संतोष मीणा और विभागाध्यक्ष डॉ. एमके भास्कर के मार्गदर्शन में तैयार हुआ है। इस प्रोटोटाइप में ईएसपी-32 माइक्रोकंट्रोलर का इस्तेमाल किया गया है, जो मोबाइल ऐप से भेजे गए निर्देशों को रोबोट तक पहुंचाता है। रोबोट में लगे विभिन्न यंत्रों के जरिए यह अलग-अलग काम करता है, जैसे बीजों की सटीक बुवाई, नियंत्रित सिंचाई, और स्प्रे सिस्टम के जरिए कीटनाशक का छिड़काव। रोबोट के जरिए किसानों की मेहनत, समय और खर्च तीनों में बड़ी बचत होगी।मोबाइल से कर सकते हैं कंट्रोल
यह प्रोजेक्ट मुरलीधर सिखवाल, तनु जांगिड़, प्रियंका चौहान, निशा चौधरी, राजवर्धन सिंह और यश गौड़ ने मिलकर तैयार किया है। इस रोबोट को मोबाइल ऐप से संचालित किया जा सकता है, जिसकी डिजाइन भी इन छात्रों ने खुद तैयार की है। यह ऐप बेहद सरल और किसान फ्रेंडली इंटरफेस के साथ बनाई गई है, जिससे तकनीक से दूर रहने वाले किसान भी इसे आसानी से चला सकें। इसमें सोलर प्लेट्स भी लगाई गई है।मुख्य विशेषताएं
1- किसानों की जरूरतों को ध्यान में रखकर बना डिजाइन।2- एक ही मशीन से जुताई, सिंचाई, बुवाई, छिड़काव और निराई।
3- मोबाइल ऐप से सरल संचालन।
4- खर्च और श्रम में कमी, उत्पादकता में वृद्धि।