Jodhpur: ब्रेन डेड शिक्षक से मिलेगी 2 मरीजों को नई जिंदगी, सड़क हादसे में हुए थे गंभीर घायल, ग्रीन कॉरिडोर बनाया
झालामण्ड निवासी सेवाराम प्रजापत (47) निजी स्कूल में शिक्षक थे। पांच दिन पहले 29 जुलाई को वे मोपेड से जा रहे थे। इस दौरान सड़क दुर्घटना में वे गंभीर घायल हो गए थे।
मृतक सेवाराम की पार्थिव देह प्रमाण पत्र के साथ उनके परिजनों को सौंपते एम्स के डॉक्टर। फोटो- पत्रिका
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) जोधपुर में रविवार को राष्ट्रीय अंगदान दिवस के दिन रविवार को एक ब्रेड मरीज का अंगदान हुआ। मरीज की दो किडनी निकालकर दो स्वस्थ व्यक्तियों में ट्रांसप्लांट की गई। एक किडनी एम्स जोधपुर में ही ट्रांसप्लांट की गई, जबकि दूसरी किडनी एसएमएस जयपुर भेजी गई। इसके लिए ग्रीन कोरिडोर बनाकर रात आठ बजे एंबुलेंस को रवाना किया गया। एम्स में यह 76वां किडनी ट्रांसप्लांट है और मृतक (केडेवरिक) अंगदाता से आठवां अंगदान है।
झालामण्ड निवासी सेवाराम प्रजापत (47) निजी स्कूल में शिक्षक थे। पांच दिन पहले 29 जुलाई को वे मोपेड से जा रहे थे। इस दौरान सड़क दुर्घटना में वे गंभीर घायल हो गए। उन्हें एम्स में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया। एम्स के डॉक्टराें ने सेवाराम के परिवार के संग अंगदान करने के लिए समझाइश की, जिसमें वे राजी हो गई।
देर रात तक चली प्रक्रिया
रविवार को दोपहर बाद एम्स में अंगदान की प्रक्रिया शुरू की गई, जो देर रात तक चलती रही। एम्स में रात को मरीज को किडनी ट्रांसप्लांट का ऑपरेशन किया गया। एम्स जोधपुर के कार्यकारी निदेशक प्रो. गोवर्धन दत्त पुरी के नेतृत्व में ट्रांसप्लांट प्रोग्राम चेयरमैन डॉ एएस संधू, ट्रांसप्लांट नोडल ऑफिसर डॉ. शिवचरण नवारियाऔर यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, एनेस्थीसिया, ब्रेन डेथ डिक्लेरेशन टीम का सहयोग रहा।
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सवा साल में ही आठ ब्रेन डेड मरीज से हुआ डोनेशन
एम्स जोधपुर में किसी ब्रेन डेड मरीज का पहली बार अंगदान 12 अप्रेल, 2024 में हुआ था। जब 19 वर्षीय विक्रम के सड़क दुर्घटना में सिर की चोट के कारण ब्रेन स्टेम डेड होने पर उनके परिवारजनों ने विक्रम का एक लीवर और दो किडनी डोनेट करने का निर्णय किया था। सवा साल में एम्स में अब तक आठ ब्रेन डेड मरीजों का अंगदान हो चुका है और इस साल का यह तीसरा अंगदान है।
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