रामद्वारा में श्रावण उत्सव में सजी झांकी। फोटो- पत्रिका
जोधपुर के बड़ा रामद्वारा सूरसागर में इन दिनों आध्यात्मिक चेतना का अद्भुत संचार हो रहा है। चातुर्मास सत्संग के अंतर्गत, श्रावण मास के पावन अवसर पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में श्रद्धालु भक्ति रस में सराबोर हो रहे हैं।
रामद्वारा के महंत संत रामप्रसाद महाराज के सान्निध्य में व्यासपीठ से कथावाचक गोवत्स राधा कृष्ण महाराज की ओर से मंगलवार को श्रीकृष्ण जन्मोत्सव, नंदोत्सव, माखन चोरी और बाल लीलाओं का अत्यंत भावविभोर कर देने वाला वर्णन किया गया। कथा के प्रत्येक प्रसंग ने श्रद्धालुओं को वृंदावन की गलियों में पहुंचा दिया, जहां बाल गोपाल अपनी लीलाओं से सभी को आनंदित कर रहे हैं। कथावाचक ने माखन चोरी लीला प्रसंग में कहा कि जिसके अंदर भक्ति और प्रेम है, वही भगवान को बांध सकता है।
भक्तिरस से सराबोर श्रावण महोत्सव
रामद्वारा के अभय सत्संग मंडप में रात्रि 8 बजे से आयोजित श्रावण उत्सव ने लोक संस्कृति और भक्ति रस से सराबोर कर दिया। राधा गोपाल महाप्रभु को पारंपरिक मारवाड़ी शाही ठाट-बाठ में सुसज्जित मनोहर झूले पर विराजित कर ठाकुरजी के मनोरथ पूरे किए गए।
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इस दौरान ऋतु पुष्प से ठाकुरजी की झांकी में मारवाड़ी लोक संस्कृति की गरिमा और भव्यता ने श्रद्धालुओं को अध्यात्म और लोक परंपरा का सुंदर संगम प्रदान किया। श्रावण महोत्सव में 6 अगस्त को मोर कुटी में मयूर झूला में भगवान राधा गोपाल प्रभु को विराजमान मनोरथ पूर्ण किए जाएंगे।
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