शहरों में बनेंगे पार्ट
जोधपुर, जयपुर सहित अलग-अलग क्षेत्रों में गन के पार्ट बनेंगे। इसके बाद जोधपुर के बोरानाड़ा औद्योगिक क्षेत्र में बनी फैक्ट्री में इसका बैरल बनेगा। प्रदेश में किसी एक स्थान पर इसको एसेम्बल किया जाएगा, जिसका निर्णय सुरक्षा कारणों से गुप्त रखा गया है।बारूद भंडार की चुनौती
इन मशीन गन के साथ बुलेट बनाने के लिए बारूद भंडारण के कई कड़े नियम हैं। इनमें जिस स्थान पर बारूद भंडार होगा, वहां आस-पास की रेडियस में 8 से 10 किमी तक आबादी नहीं होनी चाहिए। अब सरकार से इस महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट में ऐसी जमीन की डिमांड की गई है।इनका होगा निर्माण
मिलिट्री ग्रेड स्नाइपर राइफललंबी दूरी की उच्च-सटीकता वाली स्नाइपर राइफल तैयार की जाएगी। लंबी दूरी पर सब-एमओए सटीकता प्राप्त करने में यह राइफल सक्षम है। कुछ परिस्थितियों में 2.4 किलोमीटर तक लक्ष्य भेद सकती है। विभिन्न पर्यावरणीय परिस्थितियों में सुसंगत प्रदर्शन कर रही है। यह 100 प्रतिशत मेड इन इंडिया प्रोडक्ट होगा।
6,000 राउंड प्रति मिनट की दर से फायरिंग करने में सक्षम यह गन भी अब जोधपुर व राजस्थान में बन सकेगी। 1,000 यार्ड तक सटीक मार कर सकती है और 15,000 राउंड एक बेल्ट फीड में फायर करती है। भविष्य में इसे सी-आरएएम यानि एंटी-एयरक्राफ्ट वेपन सिस्टम के रूप में अपग्रेड किया जाएगा। यह मेक इन इंडिया के तहत निर्मित हो रही है।