गोयल रात 11 से 12 बजे के बीच बिना किसी पूर्व सूचना के निरीक्षण पर निकले और पाया कि शहर में पुलिस की मौजूदगी लगभग शून्य थी। मंगलवार को उन्होंने जिला कलक्टर और विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ मारवाड़ इंटरनेशनल सेंटर में हुई बैठक में इस मुद्दे पर तीखी नाराजगी जताई। उन्होंने स्पष्ट कहा कि शहर की रात्रिकालीन सुरक्षा व्यवस्था बेहद कमजोर है। अगर इसी दौरान कोई अपराध हो जाए तो जिम्मेदार कौन होगा?
पुलिस की सफाई और गोयल की खरी-खरी
बैठक में जब पुलिस अधिकारियों ने कहा कि गश्त 12 बजे के बाद शुरू होती है, तो गोयल भड़क उठे। उन्होंने निर्देश दिया कि पुलिस की गाड़ियां रात को सायरन बजाते हुए सड़कों पर दौड़ें, ताकि अपराधियों में खौफ बना रहे। उन्होंने रात्रिकालीन ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों के रोस्टर की सार्वजनिक जानकारी नहीं देने पर भी नाराजगी जताई। गोयल ने कहा कि पुलिस अधिकारी अपने अपने ग्रुप में मोबाइल नम्बर और ड्यूटी रोस्टर डालते हैं तो आम जनता को कैसे पता चलेगा? कोई आम नागरिक कैसे रात को पुलिस से सम्पर्क करेगा? विशेष बात यह रही कि दोनों जिलों के डीसीपी इस महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक में उपस्थित नहीं थे, जिसे लेकर गोयल ने नाखुशी जताई।
महिला सुरक्षा से लेकर वृद्धजन कल्याण तक रखे सुझाव
समीक्षा बैठक में गोयल ने थानों में महिला बाल (कक्ष) खोलने और सरकारी कार्यालयों में कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न रोकथाम हेतु महिला समितियां गठित करने के निर्देश दिए। उन्होंने देखा कि कई विभागों में अभी भी कोविड काल के जागरूकता स्लोगन और योजनाएं टंगी हुई हैं, जिन्हें अद्यतन नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि वर्तमान चुनौतियों और योजनाओं के अनुरूप स्लोगन और सूचना होनी चाहिए। वृद्धजनों को पेंशन में आ रही दिक्कतों पर भी चिंता उन्होंने समाज कल्याण विभाग को निर्देश दिया कि वृद्धजनों को पेंशन प्राप्त करने में कोई असुविधा न हो, इसके लिए तंत्र को सरल और जवाबदेह बनाया जाए।
राशन वितरण प्रणाली पर बरसे सवाल
रसद विभाग की कार्यप्रणाली पर गोयल ने गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राशन की दुकानों पर गेहूं की गुणवत्ता बेहद खराब है, उसमें कचरा अधिक है और इलेक्ट्रॉनिक कांटे तक नहीं हैं। उन्होंने राशन डीलरों को उपभोक्ताओं से बेहतर व्यवहार करने की हिदायत दी। गोयल ने कहा ने कहा कि अगर स्टॉक नहीं है, तो उपभोक्ता को सम्मानजनक जवाब दें, न कि उपेक्षित व्यवहार करें।