बता दें कि बैलों की इस लड़ाई ने अचानक हिंसक रूप ले लिया और कई श्रद्धालुओं को अपनी चपेट में ले लिया। इस हादसे में पाली जिले के रोहट निवासी 80 वर्षीय केवलराम पटेल की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि दो अन्य लोग घायल हो गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, गुरु पूर्णिमा के दिन आश्रम में सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई थी। बाहर सड़क किनारे भी काफी लोग खड़े थे। तभी दो आवारा बैल आपस में भिड़ते हुए आश्रम के बाहर की भीड़ में घुस गए।
लोगों में अफरा-तफरी मच गई, लेकिन बुजुर्ग केवलराम पटेल भाग नहीं सके और बैलों की टक्कर से बुरी तरह घायल हो गए। उनके साथ रानीवाड़ा निवासी दुर्गाराम पटेल और फीच गांव की 70 वर्षीय चौथीबाई पटेल भी घायल हो गए।
घायलों को अस्पताल ले जाया गया
स्थानीय लोगों ने तुरंत पुलिस और एंबुलेंस को सूचना दी। तीनों घायलों को लूणी के सरकारी अस्पताल ले जाया गया। डॉक्टरों ने केवलराम पटेल को मृत घोषित कर दिया। दुर्गाराम पटेल को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया, जबकि गंभीर रूप से घायल चौथीबाई पटेल को जोधपुर के मथुरादास माथुर अस्पताल रेफर किया गया। वहां उनका इलाज जारी है और उनकी हालत गंभीर बताई जा रही है।
इलाके में शोक का माहौल
हादसे के बाद इलाके में शोक का माहौल है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की कि आवारा पशुओं की बढ़ती संख्या और उनसे होने वाले खतरे को देखते हुए तुरंत सख्त कदम उठाए जाएं, ताकि भविष्य में ऐसी दर्दनाक घटनाएं न हों। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।