डेयरी एमडी कमलेश कुमार मीणा ने बताया कि आरसीडीएफ जयपुर की ओर से मिले निर्देशों की पालना में यह निर्णय लिया गया है। हालांकि साल के अंत तक डेयरी को कैनलेस करने को लेकर पहले से ही कार्य चल रहा था। लेकिन अब तक संघ क्षेत्र में करीब 150 बीएमसी (बल्क मिल्क कूलर) स्थापित हो चुकी है और 25 के करीब बीएमसी और लगेगी। ऐसे में पशुपालकों के दूध को संकलन केंद्रों व समितियों से सीधे डेयरी प्लांट के बजाय आसपास की बीएमसी पर ही भिजवाया जाएगा।
विधानसभा में गूंजा था मामला
सरस डेयरी को 2019 में ही कैनलेस करने को लेकर कार्य योजना बनाई गई थी। इसको लेकर राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड की ओर से पैसा भी खर्च किया गया था। लेकिन डेयरी अधिकारियों की ढिलाई के चलते कार्य योजना सफल नहीं हो पाई थी। मामले में बरती जा रही ढिलाई को लेकर पिछले दिनों खंडेला विधायक सुभाष मील ने विधानसभा में मुद्दा भी उठाया था।
डेयरी को होगा फायदा
वर्तमान में आठ मार्गों से दूध कैनों के जरिए डेयरी पहुंच रहा है। इनकों अब 31 जुलाई से बंद कर दिया जाएगा। ऐसे में डेयरी को परिवहन खर्चों के साथ ही केनों की हैंडलिंग और साफ सफाई को लेकर आने वाले खर्चे में भी लाभ होगा। इसके अलावा समय पर दूध नजदीकी बीएमसी पर पहुंच जाने से दूध की गुणवत्ता भी प्रभावित नहीं होगी।