युवाओं को फौज की तैयारी के टिप्स देता था
सुरेन्द्र के चाचा सुभाष मोगा ने बताया कि सुरेंद्र मिलनसार था, देशभक्त था। युवाओं को फौज की तैयारी के टिप्स देता था। देश के लिए हमेशा तैयार रहने की बात कहता था। प्रेरणा देता था कि देश के लिए जीने-मरने के लिए तैयार रहें। गांव आता तो सेना में जाने की तैयारी कर रहे युवाओं को ट्रेनिंग देता था। कहता था देश के लिए हमेशा तत्पर रहो। वहीं गांव के युवक मनु पूनिया ने कहा कि सुरेंद्र की शहादत का समाचार दुखद है, लेकिन हमें उनके बलिदान पर गर्व है। वे जब भी गांव आते थे तो सेना की तैयारी कर रहे युवकों को गाइड करते थे। बताते थे कि क्या करना है और क्या नहीं।
शहादत पर गर्व, हम भी लड़ने को तैयार
मेहरादासी गांव निवासी पूर्व सैनिक प्रेम कुमार पूनिया ने कहा कि सुरेंद्र वायु सेना के मेडिकल कोर में था। वह मिलनसार और हिम्मतवान था। गांव में सबसे मिलता था। गर्व है कि हमारे गांव का जवान देश की रक्षा में शहीद हुआ। गांव के युवाओं में सेना में जाने का क्रेज है। यहां बड़ी संख्या में युवा सुबह जल्दी उठकर दौड़ लगाते हैं। एक्सरसाइज करते हैं। देश की सेवा के लिए तत्पर रहते हैं। हम मुश्किल हालात में किसी भी देश से दबने वाले नहीं हैं। सरकार अगर हम पूर्व सैनिकों को आदेश दे तो हम भी लड़ने के लिए तैयार हैं।
सेना मुख्यालय से सुबह 10 बजे मिली शहादत की सूचना
शनिवार सुबह करीब 10 बजे सुरेन्द्र कुमार की शहादत की सूचना उधमपुर स्थित सेना मुख्यालय से उनके जीजा जयप्रकाश को फोन पर दी गई। सूचना मिलते ही परिवार और गांव में शोक की लहर दौड़ गई। फिलहाल शहीद के पार्थिव शरीर के गांव पहुंचने की तिथि और समय की जानकारी नहीं मिली है।
जिला कलक्टर व एसपी पहुंचे गांव
सुरेन्द्र के शहीद होने की जानकारी मिलने पर जिला कलक्टर रामावतार मीणा व पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी पहले बलरिया गांव पहुंचे, जहां उन्हें पता चला कि सुरेन्द्र की पत्नी सीमा को नवलगढ़ अस्पताल ले जाया गया है, इस पर वे नवलगढ़ अस्पताल पहुंचे और सीमा की कुशलक्षेम पूछी। इसके बाद वे मेहरादासी गांव आए और शहीद के अंतिम संस्कार के लिए जगह व तैयारियों को देखा।
खबर सुनते ही बेसुध हुई सीमा, बोली : शहादत पर गर्व
राजस्थान मंडावा से करीब 8 किलोमीटीर दूर मेहरादासी गांव में दोपहर तक सबकुछ सामान्य चल रहा था। दोपहर में जैसे ही गांव के लाडले एयरफोर्स के जवान सुरेन्द्र कुमार मोगा के उद्यमपुर हमले में शहीद होने की जानकारी मिली पूरा गांव शोक में डूब गया। ग्रामीणों की आंखें नम थीं और दिल गर्व से भरे हुए। शहीद सुरेन्द्र का घर का गेट बंद था। पड़ोस में पूछने पर बताया कि यहां सुरेन्द्र की मां रहती हैं जिन्हें फिलहाल बेटे के शहीद होने की जानकारी नहीं दी गई है। उधर सुरेन्द्र की पत्नी सीमा शुक्रवार को ही 11 वर्षीय पुत्री वृत्तिका व 7 वर्षीय पुत्र दक्ष के साथ अपने पीहर बरलिया गांव आई थीं, जहां पति के शहीद होने की जानकारी मिलने पर सीमा बेहोश होकर गिर पड़ी। उन्हें तुरंत नवलगढ़ अस्पताल में उपचार के लिए ले जाया गया। सुरेन्द्र की पार्थिव देह रविवार को गावं पहुंचेगी। यहां राजकीय सम्मान से उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। नम आंखों से ग्रामीण अपने लाल को अंतिम विदाई देने की तैयारी कर रहे हैं।
पूर्व सैनिकों के ग्रुप पर आया मैसेज
शनिवार सुबह करीब साढ़े छह बजे सीमा के पिता पूर्व सैनिक रामनिवास मील को पूर्व सैनिकों के व्हाट्सएप ग्रुप पर मैसेज दिखा कि जिसमें अंग्रेजी में लिखा था ‘एज पर रिपोर्ट उद्यमपुर ओल्ड एटीसी बिल्डिंग एंड एसएनसीओ मेस हेज बीन हिट।’ उस समय सीमा भी पिता के पास बैठी थी। पिता ने बताया तो सीमा ने पति को फोन लगाया लेकिन फोन नो रिप्लाई आया। इसके बाद सीमा ने अपने क्वार्टर के पास रहने वाली दूसरी महिलाओं को फोन किया तो उन्होंने बताया कि हमला तो हुआ है, लेकिन किसी के शहीद होने की जानकारी नहीं मिली है। फिर भी सीमा से रहा नहीं गया। वह बार-बार फोन करती रही।
सुरेन्द्र के साथी ने फोन पर कहा…सुरेन्द्र इज नो मोर!
सीमा ने बार-बार फोन किया तो पति सुरेंद्र कुमार के एक साथी ने फोन उठाया और कहा कि सुरेंद्र इज नो मोर…। इतना सुनते ही सीमा जोर से चिल्लाई और बेसुध होकर गिर पड़ी। उसके बाद से ही वह बार-बार बेसुध हो रही है। दोपहर करीब 1.30 बजे सीमा को अचानक सांस लेने में दिक्कत हुई और सीने में हल्का दर्द महसूस हुआ तो नवलगढ़ जिला अस्पताल लेकर गए। जहां उपचार के बाद वापस घर भेज दिया।
ग्रुप कैप्टन बोले : आज मैंने सच्चा हीरा खो दिया
सीमा के पिता रामनिवास को जब सुरेन्द्र के शहीद होने की जानकारी मिली, उन्होंने ग्रुप कैप्टेन को फोन लगाया। इस पर सामने से जवाब मिला कि आज मैंने मेरा सच्चा हीरा खो दिया।