Fake stamp Case: राजस्थान के झुंझनूं जिले से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। पीड़ित ने आरोप लगाया है कि स्टाम्प वेंडर ने उसे नकली स्टाम्प को असली बताकर बेच दिया। ऐसे में अब उसके मकानों का पट्टा रुक गया है। अब यह मामला पुलिस थाने में पहुंच गया है।
पूरा मामला बुहाना का बताया जा रहा है, जहां के एक पीड़ित ने थाने में शिकायत दर्ज कराई है। बड़बर गांव के धर्मपाल नाम के शख्स ने बुहाना ने थाने में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया कि उसके साथ धोखा हुआ है। पीड़ित ने बताया कि 2 दिसम्बर 2024 को वह अपने माकान का पट्टा बनवाने के लिए तहसील परिसर पहुंचा था.
इसी स्टाम्प पर मचा है बवाल:
नकली स्टाम्प नोटरी का मामला
पीड़ित ने बताया कि उसने तहसील में ही बैठने वाले एक स्टाम्प वेंडर से अपनी फाइल बनवाई। वेंडर ने 50 रुपये का स्टाम्प रंगीन प्रिंट करके निकाल दिया और उसके थमा दिया। आरोप है कि वेंडर ने नकली स्टाम्प को असली स्टाम्प के तौर पर पेश करके नोटरी पब्लिक से तस्दीक भी करा दिया।
इस पूरे मामले के दौरान वेंडर ने फाइल तैयार करने के लिए पूरी राशि भी वसूल की। शिकायतकर्ता ने बताया कि जब इस फाइल को ग्राम सेवक के सामने पेश किया तो पता चला कि पट्टा में लगा स्टाम्प नकली है। इस घटना से परेशान होकर पीड़ित ने बुहाना पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है।
थानाध्यक्ष ने क्या कहा?
शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है। कार्यवाहक थाना प्रभारी उमराव जाट ने बताया कि बड़बर गांव के एक व्यक्ति ने शिकायत में फर्जी स्टाम्प टिकट का वेंडर पर आरोप लगाया है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। अनुसंधान पूरा होने के बाद विधि सम्मत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।