बता दें कि गांव मंडावर निवासी सुरेंद्र मेवाड़ा अपने खेत से लौट रहे थे, तभी अज्ञात हमलावरों ने उन पर धारदार हथियारों से ताबड़तोड़ हमला कर दिया। गंभीर रूप से घायल होने के कारण वह मौके पर ही अचेत होकर गिर पड़े। हमले के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। सूचना मिलते ही परिजन और ग्रामीण उन्हें श्री राजेंद्र अस्पताल (झालावाड़) ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
कौन थे सुरेंद्र मेवाड़ा और क्यों थी उनकी जान को खतरा?
गौरतलब है कि सुरेंद्र मेवाड़ा का नाम झालावाड़ के चर्चित सत्तू चौधरी हत्याकांड में आया था। इस मामले में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई थी। हालांकि, बाद में राजस्थान उच्च न्यायालय से उन्हें जमानत मिल गई थी। पुलिस इस हत्या को आपसी रंजिश से जोड़कर देख रही है।
मंडावर में गोली चलने से मचा हड़कंप
स्थिति को देखते हुए पुलिस ने राजेंद्र अस्पताल परिसर में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया है। साथ ही मामले की जांच के लिए कई टीमों का गठन किया गया है। बीजेपी नेता की हत्या के बाद मंडावर गांव और आसपास के इलाकों में तनाव फैल गया।
पुलिस खंगाल रही सीसीटीवी फुटेज
जानकारों के अनुसार मेवाड़ा रोजाना सुबह गांव के पास ही स्थित बालाजी मंदिर पर दर्शन करने जाते थे। यह क्रम लबे समय से आ रहा था। वे कार से अकेले ही मंदिर आते-जाते थे। यह बात हमलावरों को मालूम थी। उन्होंने उनके आने-जाने की रेकी की। उसके बाद वारदात को अंजाम दिया।12 बदमाशों ने भाजपा नेता को घेरा, पैर में मारी गोली… धारदार हथियार से किया हमला; मौत
प्रथम दृष्टया हत्या के पीछे रंजिश कारण माना जा रहा है। पुलिस हमलावरों की तलाश में मंदिर के आस-पास और गांव में लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। जानकारों के अनुसार कुछ संदिग्ध लोगों सीसीटीवी फुटेज में आए हैं, पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है।
सत्तू चौधरी हत्याकांड में उम्रकैद मिलने के बाद बाहर थे सुरेंद्र मेवाड़ा
पुलिस के अनुसार, सुरेंद्र मेवाड़ा मंडावर थाने का हिस्ट्रीशीटर था। उसके खिलाफ हत्या, मारपीट, ऑर्म्स एक्ट के तहत करीब आधा दर्जन प्रकरण दर्ज हैं। मेवाड़ा का अपने क्षेत्र में खासा दबदबा था। उसके शराब, क्रेशर और अन्य काम भी थे। दबंगई के चलते उसका कई लोगों से लंबे समय से विवाद आ रहा था। कई लोगों से उसकी आए दिन झड़प होती थी। हत्या के पीछे भी यही वजह मानी जा रही है। परिजनों ने हत्या के पीछे कुछ लोगों पर संदेह व्यक्त किया है। सत्तू चौधरी हत्याकांड में मेवाड़ा को उम्रकैद की सजा मिली थी, बाद में कोर्ट से रिहाई के बाद वह बाहर आ गया था।
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वसुंधरा राजे के क्षेत्र में कानून-व्यवस्था पर उठे सवाल, डोटासरा ने किया कमेंट
यह इलाका पूर्व सीएम वसुंधरा राजे सिंधिया का गढ़ माना जाता है। इसलिए अब वसुंधरा राजे पर भी सवाल उठ रहा है। वहीं, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने वारदात पर एक्स पर कमेंट किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से दम तोड़ चुकी है। इसका सबसे ज्वलंत उदाहरण झालावाड़ में भाजपा नेता सुरेंद्र मेवाड़ा की दिनदहाड़े हुई निर्मम हत्या है।