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झालावाड़

17 वर्षों से नियमित होने के इंतजार में 23 हजार से अधिक पंचायत शिक्षक-विद्यालय सहायक

– नियमों में उलझा रहे प्रदेश के हजारों युवाओं को

झालावाड़Aug 11, 2025 / 11:10 am

harisingh gurjar

झालावाड़.राजस्थान में नियमितीकरण का इंतजार कर रहे पंचायत शिक्षक-विद्यालय सहायक का इंतजार लंबा होता जा रहा है। राजस्थान में कार्यरत हजारों संविदा कार्मिक यानी पंचायत शिक्षक-विद्यालय सहायक जो विगत 2007-08 से लगातार नियमितीकरण की आस लगाए संघर्ष कर रहे हैं,लेकिन सरकारी सिस्टम इन पंचायत शिक्षकों विद्यालय सहायकों को आज तक नियमितीकरण नहीं कर पाया। प्रदेश में जो भी सरकारें आई सभी ने इनके नियमितीकरण का वादा तो किया, लेकिन नियमित आज तक किसी ने नहीं किया।

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आखिर कब होगा इनका सपना पूरा-

सरकार ने इनको 2007-08 से 2014 तक विद्यार्थी मित्र में लगाया, अल्प वेतन भोगी कार्मिकों ने राजस्थान में जब गांव-गांव ढाणी शिक्षा के क्षेत्र में अपना अमूल्य समय देकर राजस्थान सरकार के घटते शिक्षा के स्तर को उच्च स्तर तक पहुंचाया, लेकिन सरकारों ने इनकी ओर ध्यान नहीं दिया।

2017 में निकाली भर्ती-

तीन साल घर बैठने के बाद वापस बीजेपी सरकार ने 2017 पंचायत सहायक भर्ती निकाली, लेकिन वह भी अधूरे नियमों के साथ। ऐसे में इस भर्ती में भी इनका नियमितीकरण नहीं हो पाया। 2022 में बनाए संविदा नियम- गहलोत सरकार ने राजस्थान संविदा सेवा नियम 2022 बनाए गए, जिसमें जो संविदा कार्मिक पंचायत सहायक पर कार्यरत थे उनको इन नियमों के अंतर्गत एडॉप्ट कर पंचायत शिक्षक विद्यालय सहायक पद पर दूबारा नियुक्ति दे दी गई। जिसमें जो पांच वर्ष तक इन नियमों में निरंतर कार्य करेगा उसका नियमितीकरण किया जाएगा। लेकिन सरकार ओर अधिकारियों की मनमानी यहां भी इन पंचायत शिक्षकों विद्यालय सहायकों पर भारी पड़ती नजर आ रही है क्योंकि जब ये 2017 से लगातार कार्य कर रहे हैं फिर इनकी सेवा को पांच वर्ष न मानकर नया नियम पैटर्न 1-3 लागू किया जिसके तहत पूर्व अनुभव की गणना 1-3 अर्थात पूर्व की तीन साल की सेवा को 1 वर्ष माना गया वो वित्तीय वर्ष के अनुसार लागू कर इन पंचायत शिक्षकों विद्यालय सहायकों पर थोपा गया।ऐसे में यहां भी इनका नियमितिकरण नहीं हो पा रहा।

दो वर्ष की छूट की घोषणा-

वर्तमान सरकार द्वारा बजट 2025-26 में भी पंचायत शिक्षक(विद्यालय सहायकों) को पूर्व अनुभव में 2 वर्ष की छूट देकर नियमित करने की घोषणा की गई,लेकिन वो घोषणा भी आज तक पूरी नहीं हो पाई।

शुरूआत से अब तक

– राजस्थान में 2007-08 में विद्यार्थी मित्र योजना में शिक्षकों के खाली पदों के विरुद्ध लगाया गया। जिसमें व्याख्याता पद पर लगभग 4450, द्वितीय श्रेणी के लिए 3650, तृतीय श्रेणी के 2750 रुपए प्रति माह मानदेय पर लगाया गया।
-इस दौरान गहलोत सरकार ने 2013 के विधानसभा चुनावों को देखते हुए शिक्षा सहायक सेवा नियम 2013 बनाकर भर्ती निकाली, लेकिन नियमों में खामियों के चलते उच्चतम न्यायालय की भेंट चढ़ गई।

-2013 के विधानसभा चुनावों में वसुंधरा सरकार आई लेकिन अपने चुनावी घोषणा पत्र में विद्यार्थी मित्रों को नियमित का वादा किया, जिसे पूरा करने के लिए 2015 में पूर्व गहलोत सरकार के शिक्षा सहायक सेवा नियमों में बदलाव कर राजस्थान विद्यालय सहायक अधीनस्थ सेवा नियम बनाकर विद्यालय सहायक भर्ती निकाली, लेकिन पूर्व सरकार की तरह अधिकारीयों ने सेवा नियमों में कई खामियां रखी ये भी उच्चतम न्यायालय की भेंट चढ़ गई।
-2017 में पंचायत सहायक भर्ती निकाल कर वापस 6900 रुपए मासिक मानदेय पर अस्थाई रोजगार दिया गया।

-2018 के चुनावी घोषणा पत्र में वर्तमान ओर पूर्व सरकार ने अपने अपने चुनावी घोषणा पत्र में विद्यार्थी मित्र वर्तमान में पंचायत सहायक को नियमित करने का वादा किया। 2018 में वापस गहलोत सरकार आई गहलोत सरकार ने राजस्थान संविदा सेवा नियम 2022 बनाकर दुबारा संविदा पद नियुक्ति दी गई ओर नियमों में वापस पांच वर्ष की सेवा पर आपको नियमित किया जाएगा। लेकिन अनुभव में 3-1 के नियम के तहत 3 वर्ष को 1 वर्ष माना गया वो भी वित्तीय वर्ष के अनुसार। ऐसे में अभी तक पंचायत शिक्षक अधूर झूल में है।

लंबे समय से कर रहे इंतजार-

हम लंबे समय से स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकारें ध्यान नहीं दे रही है। अब 1 सितंबर से मानसून सत्र में विधानसभा का घेराव किया जाएगा। प्रदेशभर के 23 हजार से अधिक पंचायत शिक्षक- विद्यालय सहायक सरकारों से स्थायीकरण की मांग कर रहे हैं। सरकारें वादा करती है, लेकिन पूरा कोई नहीं कर रही।

देवेन्द्र नागर, जिलाध्यक्ष राजस्थान पंचायत शिक्षक-विद्यालय सहायक संघ,झालावाड़।

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