जिलाधिकारी ने क्या कहा ?
जिलाधिकारी ने प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि किसी भी विषय की गहराई तक पहुंचे बिना एक समुदाय को दोषी ठहरा देना उचित नहीं है। उन्होंने बताया कि उनके पास किन्नर समुदाय के लोग आए थे, इनमें से कई चोटिल और घायल थे। जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन का काम सभी के न्याय करना है। इसलिए उन्होंने किन्नरों की समस्या सुनी और कोतवाल को निर्देश दिया है कि उनकी बातों को संज्ञान में लें। उन्होंने बताया कि किन्नरों ने अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल में उपद्रव किया है, ऐसी सूचना मिली है और इसका वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। उन्होंने कहा कि किन्नर समाज एक ऐसा समुदाय है जिसके साथ मानवीय दृष्टिकोण रखना आवश्यक होता है। हम सब का दायित्व है कि उनकी बात को संवेदनशीलता के साथ सुनें।
हंगामा देख भागे मरीज
किन्नरों का हंगामा देख अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड से मरीज, उनके परिजन और डॉक्टर निकलकर भागने लगे। किन्नरों का आरोप है कि मारपीट में घायल उनकी साथी हॉस्पिटल में इलाज के लिए गई थी। डॉक्टरों ने इलाज करने से मना कर दिया और अस्पताल से भगा दिया। जिला अस्पताल का पूरा मामला
यह पूरी घटना शुक्रवार देर रात 8:45 बजे अमर शहीद उमानाथ सिंह जिला अस्पताल की है। पुलिस ने अज्ञात किन्नरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले को लेकर शनिवार सुबह आधा दर्जन से अधिक किन्नर जिला अधिकारी डॉ. दिनेश चंद्र से मिले। डीएम ने उनकी बात सुनकर पुलिस को किन्नरों के मेडिकल कराने और उनकी भी शिकायत सुनने का आदेश दिया।