यह घटना एक पुराने जमीन विवाद से जुड़ी है। गांव के निवासी कर्मा देवी का कुछ लोगों से जमीन को लेकर अक्सर झगड़ा होता रहता था। मंगलवार शाम को जब कर्मा देवी की भैंस खूंटे से बंधी रह गई, तो पड़ोस की आशा देवी (देवीदीन की पत्नी) उसे पानी पिलाने गईं। इसे देखकर दूसरा पक्ष नाराज हो गया और आशा देवी से मारपीट करने लगा।
बेटे की मौत का कारण बनी पिता की बंदूक
अपनी पत्नी पर हमले की खबर सुनते ही देवीदीन गुस्से में आ गए और घर में रखी लाइसेंसी दोनाली बंदूक लेकर मौके की ओर दौड़ पड़े। उन्हें इतना आवेश में देखकर उनका 13 वर्षीय बेटा ओम प्रसाद भी पीछे भागा। ओम ने अपने पिता से बंदूक न ले जाने की विनती की। इसी बीच, अचानक देवीदीन के हाथ से बंदूक का ट्रिगर दब गया और गोली सीधे ओम प्रसाद के पेट में जा लगी। अस्पताल में हुई ओम की मौत
गोली लगने के बाद ओम प्रसाद गंभीर रूप से घायल हो गया। परिवार के लोग उसे तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) ले गए, लेकिन उसकी नाजुक हालत को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे वाराणसी के ट्रॉमा सेंटर रेफर कर दिया। दुखद रूप से, देर रात उपचार के दौरान ओम ने दम तोड़ दिया। जैसे ही उसके निधन की खबर घर पहुंची, पूरे परिवार में चीख-पुकार मच गई और गांव में मातम पसर गया।
पिता गिरफ्तार, लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई
इस दर्दनाक घटना के बाद, पुलिस ने पिता देवीदीन को तत्काल गिरफ्तार कर लिया। एएसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि ओम की मौत पिता के हाथों दुर्घटनावश चली गोली से हुई है। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है और देवीदीन के असलहे का लाइसेंस रद्द करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।