शनिवार को सुबह कलश यात्रा में शामिल होने के लिए महिलाएं गम्हरिया स्थित सतीधाम दुर्गा मंदिर में जुटने लगी थी। यहां जगत जननी मां दुर्गा की पूजा अर्चना के बाद पारम्परिक परिधान में महिलाएं गाजे-बाजे और माता रानी के जयकारे के साथ बांकी टोली स्थित बांकी और तिवारी नदी के संगम स्थल के लिए रवाना हुई। गम्हरिया से गर्ग हाउस होते हुए श्रद्वालु महिलाएं संगम स्थल पहुंची। यहां पंडित अनुज मिश्रा ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ संगम का पवित्र जल कलश में भर कर महिलाएं आयोजन स्थल के लिए निकली।
सती मंदिर पुजारी नरेश बाबा ने बताया कि बीते दस साल से यह आयोजन लगातार चल रहा है। इस अखंड रामायण पाठ का आयोजन विश्व शांति और मानव कल्याण होता है। लेकिन इस बार यह आयोजन विकट परिस्थितियों के बीच हो रही है। भारत पाकिस्तान सीमा पर हमारी सेना, दुश्मनों के छक्के छुुड़ा रही है। ऐसे में अखंड रामायण पाठ के दौरान श्रद्वालु हमारी सेना की जीत का आशीर्वाद माता रानी से मांगेंगे।
उन्होंनें बताया कि कलश यात्रा के बाद रात को सतसंग भजन का आयोजन किया गया है। 11 मई से अखंड रामायण सुबह 8 बजे से शुरू होगा जो 12 मई को सुबह 8 बजे हवन पूजन के साथ संपन्न होगा। दोपहर 1 बजे से भंडारा का आयोजन किया गया है।
पंडित अनुज मिश्रा ने शहर के बांकी टोली में स्थित बांकी व तिवारी नदी के संगम का महत्व बताते हुए कहा कि बांकी और श्रीनदी का मानव के रूप में पूजा की जाती है। इन दोनों ही नदियों की उत्पत्ती शहर के नजदीकी ग्राम सिटोंगा से हुआ है।