गौरतलब है कि, शिक्षा सत्र 2025–26 में जिले में संचालित कुल 432 निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी वन और पहली कक्षा में कुल 4463 सीटें रिजर्व की गई हैं। इनमें पहले चरण की लॉटरी में 3668 बच्चों का चयन हुआ था। बाकी सीटें खाली रह गई थी। खाली सीटों को पहले के लिए दूसरे चरण में पुन:1 जुलाई से20 जुलाई तक आवेदन मंगाए गए थे।
RTE Admission 2025: 10 अगस्त तक लेना होगा एडमिशन
जिसमें 1000 से ज्यादा आवेदन जमा हुए थे। एक अगस्त को लॉटरी की प्रक्रिया कर बच्चों को स्कूल एलॉट किया गया। इसमें 850 बच्चों का लॉटरी से चयन हुआ है। इन बच्चों को 10 अगस्त तक संबंधित स्कूलाें में दाखिला मिलेगा। हालांकि इसके बाद भी आरटीई की सीटें बच जाएगी। इस पर तीसरे चरण के लिए फिर से आवेदन मंगाए जाएंगे या नहीं इस पर 10 अगस्त के बाद ही सरकार की ओर से निर्णय होगा। लेकिन तीसरे चरण की संभावना बहुत कम हैं। क्योंकि शिक्षा सत्र शुरू हुए तब तक दो माह बीत चुका होगा। जिन बच्चों का आरटीई में एडमिशन नहीं हो पाया है, उनमें से अधिकांश अभिभावकों ने अन्य
स्कूलों में बच्चों का दाखिला करा लिया गया है। ऐसे में तीसरे चरण की बात तो दूर हैं, दूसरे चरण में जिन 850 बच्चाें के नाम निकले हैं, उतनी सीटें भी भर पाएंगी, यही मुश्किल है।
हर साल सीटें रह जाती है खाली
आरटीई के तहत हर साल निजी स्कूलों में सीटें खाली बच जाती है। इस बार भी 4463 रिजर्व सीटें अब तक नहीं भर पाई हैं। दूसरे चरण में भी अगर 850 बच्चे दाखिला लेंगे तब भी पूरी सीटें नहीं भर पाएंगी। जबकि दूसरी ओर सैकड़ों छात्र पात्र होकर भी वंचित रह जाएंगे। क्योंकि ऐसे बच्चों के लिए जिन स्कूलों का आवेदन के दौरान किया गया था, वहां सीटें भर जाने के बाद शेष बच्चे वेंटिंग में हैं। इन बच्चों को दूसरे स्कूलों में दाखिला नहीं मिलेगा। क्योंकि आरटीई के तहत नियम ही ऐसा है।