क्योंकि निकायों में ज्योग्राफिक इंफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस) सर्वे का काम अभी पूर्ण नहीं हो पाया है। सर्वे का काम पूर्ण होने के बाद भी ऑनलाइन संपत्तिकर जमा करने की सुविधा शुरू हो पाएगी। तब तक लोगों को मकान टैक्स जमा करने के लिए नगरपालिका का चक्कर लगाना ही पड़ेगा।
CG Online Tax: सुविधा में देरी…
जांजगीर-नैला निकाय की बात करें तो यहां जीआईएस सर्वे का काम पूर्ण नहीं हो पाया है। इतना ही नहीं जितना सर्वे हुआ है, उसमें भी ६० प्रतिशत ही डाटा सही बताया जा रहा है और ४० फीसदी फाल्ट निकल रहा है। किसी भवन का क्षेत्रफल कम है तो ज्यादा दिख रहा है तो किसी का क्षेत्रफल ज्यादा है तो कम क्षेत्रफल दर्ज हो गया है। ऐसे में मकान टैक्स का सही निर्धारण संभव नहीं होगा। कुल मिलाकर सर्वे में गलतियों के चलते ऑनलाइन टैक्स की सुविधा अभी शहरवासियों के लिए दूर के ढोल सुहाने जैसी साबित होगी।
टैक्स वसूली होगी आसान, नई संपत्तियों का भी बनेगा रिकार्ड
जीआईएस सर्वे हो जाने से निकायों के लिए दो बड़े फायदे होंगे। पहला लोग अगर ऑनलाइन टैक्स भरना शुरू कर देंगे तो टैक्स वसूली आसानी हो जाएगी। कर्मचारियाें को एक-एक घर-दुकान जाकर टैक्स वसूलना नहीं पड़ेगा। दूसरा, शहर में जितनी भी नई संपत्तियों का निर्माण हुआ है, उसका भी रिकार्ड मिल जाएगा। इससे निकाय के राजस्व आय में बढ़ोतरी होगी। अभी स्थिति यह है कि हर साल टैक्स वसूली में निकाय के राजस्व विभाग का पसीना छूट जाता है। फिर भी टैक्स वसूली नहीं हो पाती। सीएमओ जांजगीर-नैला विक्रम भगत ने कहा की शहर में जीआईएस सर्वे का काम पूर्ण नहीं हो पाया है। कई संपत्तियों के सर्वे में खामियां सामने आ रही है। जिसमें सुधार की आवश्यकता है। इसके लिए सर्वे करने वाली कंपनी को सुधार के लिए निर्देशित किया गया है। सर्वे पूर्ण होने के पश्चात ही ऑनलाइन टैक्स पटाने की सुविधा शुरू हो पाएगी। इसमें समय लग सकता है।
क्या है जीआईएस सर्वे
जीआईएस सर्वे एक तरह की आधुनिक गणना है। इसमें एप और सेटेलाइट के जरिए इमेज खींची जाती है। इसमें एप में सारी जानकारी फीड की जाती है कि जिस संपत्ति की इमेज ली गई है वह संबंधित भवन कच्चा, पक्का है, कितनी मंजिल है और कितना वर्गफीट में बना है। यह सारी जानकारी एप में डाली गई है। इसके लिए एक पोर्टल बनाया गया है। इस पोर्टल के जरिए ही घर बैठे व्यक्ति अपना मकान ट्रैक्स जमा कर पाएगा। जांजगीर शहर में जीआईएस सर्वे का काम एक निजी कंपनी के जरिए किया गया है किन्तु कंपनी के द्वारा की गई सर्वे में दर्जनों खामियां निकल रही है। जिसमें सुधार किया जा रहा है।