बताया जा रहा है कि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा विगत 11 अप्रैल को एक दिन का अवकाश लेकर हड़ताल किया था। इधर सीएमएचओ के द्वारा उक्त दिनांक का वेतन काटने के संबंध में आदेश जारी किया गया है। जारी आदेश में हवाला दिया गया है कि हड़ताल के चलते एक दिन स्वास्थ्य केंद्राें में स्वास्थ्य सुविधा प्रभावित हुई और आमजनों को परेशान होना पड़ा।
इधर वेतन काटने के आदेश जारी होने पर
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों में आक्रोश है। उनका कहना है कि शिकायत पर कार्रवाई करने के बजाए वेतन काटना न्याय संगत नहीं है।
हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाएं ठप
कर्मचारी संघ का दावा है कि हड़ताल का प्रभाव पूरे प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है। टीकाकरण सेवाएं बंद हैं। गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच प्रभावित हुई है। एनआरसी और एसएनसीयू का कार्य ठप है। मरीजों के बीपी और शुगर की जांच नहीं हो पा रही है। टीबी और मलेरिया की जांचें भी प्रभावित हैं। स्वास्थ्य शिविर और राष्ट्रीय कार्यक्रम की रिपोर्टिंग भी रुकी हुई है।