CG News: दिशा निर्देशों की भी खुलकर धज्जियां उड़ा दी
आशंका ये भी जताई जा रही है कि बेटियां स्कूल ही नहीं जाएंगे। केंद्र सरकार के बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नारे को जिले के शिक्षा अधिकारियों ने मजाक बनाकर रख दिया है।
युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के दौरान राज्य शासन के स्पष्ट दिशा निर्देशों की भी खुलकर धज्जियां उड़ा दी है। अलग-अलग जगहों पर स्थिति दो स्कूलों को एक में मर्ज कर दिया है। वह भी कन्या हाईस्कूल को बालक मीडिल स्कूल के साथ मर्ज करने के साथ ही एक और खेला कि यहां के शिक्षकों को अतिशेष मानते हुए अन्यत्र स्कूलों के लिए पदस्थापना आदेश भी जारी कर दिया है।
छात्रों की दर्ज संख्या 30 से अधिक
पूरा खेला अकलतरा बीईओ कार्यालय से हुआ है। बीईओ कार्यालय ने कन्या हाई स्कूल अकलतरा को बालक मीडिल स्कूल के साथ मर्ज करने का प्रस्ताव भेजा। बीईओ के प्रस्ताव का परीक्षण किए बिना ही दोनों स्कूल को एक दूसरे के साथ मर्ज कर दिया गया। शिक्षा विभाग के आला अफसरों को भी यह बात अच्छी तरह पता है कि दोनों स्कूल सड़क के अलग-अलग छोर पर अलग-अलग दिशाओं में स्थित है। कुंवर भुवन भास्कर प्राथमिक शाला में दर्ज संख्या 55, कन्या प्राथमिक शाला में 85, कुंवर भुवन भास्कर मीडिल स्कूल में 81 व कुंवर भुवन भास्कर हायर सेकेंडरी में 401 दर्ज संख्या है। शासन के नियम अनुसार सभी स्कूलों में छात्रों की दर्ज संख्या 30 से अधिक है। इसके अलावा बालक प्राइमरी व मीडिल स्कूल एवं कन्या हाईस्कूल दोनों एक ही परिसर में नहीं होने के बाद भी मर्ज किया गया है।
राघवेन्द्र सिंह, विधायक अकलतरा: दोनों ही विद्यालय का युक्तिकरण शासन के नियम के खिलाफ किया गया है। मेरे द्वारा डीईओ एवं कलेक्टर को अवगत करा दिया गया है। यदि इस पर अधिकारियों द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया तो आगे विधानसभा सत्र में सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
युक्तियुक्तकरण का ये है नियम
CG News: राज्य सरकार ने युक्तियुक्तकरण का जो नियम जारी किया है। उसके अनुसार एक ही परिसर में संचालित स्कूलों का मर्जिंग होना था। दोनों स्कूल एक ही परिसर में संचालित नहीं है। बल्कि अलग-अलग परिसर में संचालित है। कलेक्टर को यह अधिकार दिया गया था कि वह अपने स्वविवेक से नक्सली क्षेत्र या दूरस्थ अंचल के विद्यालयों का एकीकरण कर सकते हैं। शहरी इलाकों में दोनों विद्यालयों के बीच की दूरी 500 मीटर और ग्रामीण क्षेत्र के लिए दोनों विद्यालय के बीच की दूरी 1 किलोमीटर से कम होनी चाहिए। इसके साथ ही अनिवार्य रूप से यह शर्त भी जुड़ा हुआ है की दूरी के साथ-साथ दर्ज संख्या 10 से कम होनी चाहिए।
कन्या हाई स्कूल की दर्ज संख्या निर्धारित दर्ज संख्या से 5 गुना ज्यादा है। राज्य शासन द्वारा मापदंड व नियमों में यह किसी भी लिहाज से मर्ज करने के दायरे में आता ही नहीं है।
आरपी आदित्य, जेडी, बिलासपुर: दोनों स्कूलों को जिले से प्रस्ताव आने पर मर्ज किया गया है। शासन के नियमानुसार ही किया गया है। रत्नमाला सिंह, बीईओ, अकलतरा: उच्च अधिकारियों द्वारा द्वारा निर्देशित किया गया था की दोनों विद्यालयों को एक में मर्ज किया जाए।