यह था रूट सर्वे
सांचौर क्षेत्र से होकर किए गए सर्वे के तहत इस रेल लाइन को जैसलमेर-भाभर रेल लाइन प्रोजेक्ट के तहत बाड़मेर के साथ ही संथालपुर (गुजरात), सुईगांव (गुजरात), वाव (गुजरात) होते हुए राधनपुर को जोडऩा था। अब नए सिरे से सर्वे के नाम पर फिर से शून्य से प्रोजेक्ट को शुरु किया जा रहा है।प्रोजेक्ट का यह तीसरा सर्वे
2012 में हुए पहले स्तर के सर्वे में 370.71 करोड़ रुपए आंका गया था, लेकिन लैंड कोस्ट में अंतर के बाद क्वेरी में इस प्रोजेक्ट को 485 करेाड़ रुपए का आंका गया। रेलवे रेलवे कंस्ट्रक्शन डिपार्टमेंट के अधिकारी का कहना है कि रेलवे का कोई भी प्रोजेक्ट जितना विलंब से शुरु होता है, उसकी कोस्टिंग भी उसी अनुपात में बढ़ती जाती है। प्रोजेक्ट सर्वे को 10 साल से अधिक समय गुजर चुका। अब जो भी नया सर्वे होगा। इस प्रोजेक्ट से दोगुना ज्यादा महंगा होने का अनुमान है। प्रोजेक्ट कोस्ट सर्वे के बाद ही तय हो पाएगी, लेकिन अनुमानित लागत 1 हजार करोड़ से अधिक होने का अनुमान है।485 करोड़ रुपए आंका था प्रोजेक्ट
8 सितंबर 2014 को रेलवे की टीम ने सर्वे रिपोर्ट रेलवे मुख्यालय को सबमिट किया। यह प्रोजेक्ट 485 करोड़ रुपए का आंका गया। इससे पहले स्तर इसी रूट के लिए इंजीनियरिंग सर्वे वर्ष 2012 में हुआ था। जिसके बाद 16 नवंबर 2012 को इसकी रिपोर्ट हैड क्वार्टर को भेजी गई। इसमें खामियां थी, इसलिए इस रिपोर्ट को रेलवे बोर्ड को नहीं भेजा गया। जिसके बाद अगस्त 2014 में फिर से इंजीनियरिंग टीम से इस प्रोजेक्ट की रिपोर्ट मांगी गई। टीम ने सर्वे कर 8 सितंबर 2014 को रिपोर्ट सबमिट की। इसकी रेट ऑफ कोस्ट के साथ रेट ऑफ अर्निंग भी जांची गई।83 किलोमीटर आंका था प्रोजेक्ट
सितंबर 2014 में रेलवे की सर्वे टीम की ओर से सबमिट की गई रिपोर्ट के अनुसार इस रूट को 83 किलोमीटर आंका गया। इस रूट में 3 जगह पर रेलवे ओवरब्रिज, 17 रेंलवे अंडरब्रिज, 2 बड़े मेजर ब्रिज, 17 छोटे ब्रिज बनने थे।इनका कहना है
पूर्व के जो भी सर्वे इस रूट के लिए हुए, उसमें आर्मी एरियाज होने से कुछ दिक्कतें थी। इस बार के सर्वे में इन सभी बातों का ध्यान में रखते हुए ही सर्वे टीम की ओर से कार्य किया जाएगा। मेरा व्यक्तिगत प्रयास रहेगा कि प्रोजेक्ट केवल सर्वे तक सीमित नहीं रहे। बल्कि डीपीआर बनने के बाद इस प्रोजेक्ट के लिए धरातल पर जल्द से जल्द कार्य शुरु हो जाए।-उम्मेदाराम बेनीवाल, सांसद, बाड़मेर-जैसलमेर