scriptWorld Bicycle Day: हर साल साइकिल पर 2700 KM का सफर तय कर रामदेवरा पहुंचते हैं भक्त, जानिए इनका रोचक सफर | Migrant devotees from Jalore travel 2700 kms on bicycle from Bangalore to Ramdevra | Patrika News
जालोर

World Bicycle Day: हर साल साइकिल पर 2700 KM का सफर तय कर रामदेवरा पहुंचते हैं भक्त, जानिए इनका रोचक सफर

मूल रूप से जालोर के मोदरा निवासी बेंगलुरू एकता साइकिल यात्रा संघ के अध्यक्ष रतनसिंह राजपुरोहित बताते हैं कि यात्रा को 19 साल पूरे हो चुके हैं और इस बार 20वें साल में इस धार्मिक यात्रा की शुरुआत 27 जुलाई को होगी।

जालोरJun 03, 2025 / 05:13 pm

Rakesh Mishra

World Bicycle Day

बेंगलुरू से साइकिल जत्थे की रवानगी। (फाइल फोटो-पत्रिका)

खुशालसिंह भाटी
100 या 200 किलोमीटर नहीं, बल्कि 2700 किलोमीटर की दूरी साइकिल से तय करने का जज्बा जालोर समेत अन्य जिलों के प्रवासियों में है। सुन कर अजीब जरुर लगेगा, लेकिन हर साल औसतन 25 से 30 युवकों का साइकिल से यह अनोखा जत्था बैंगलोर से रवाना होता है।
2700 किमी का यह सफर जत्था 25 दिन में तय करता है और उसके बाद विभिन्न धार्मिक स्थलों का दर्शन करते हुए रामदेवरा पहुंचकर बाबा रामदेव मंदिर (रुणिचा धाम) में धोक लगाता है। आज विश्व साइकिल दिवस है तो साइकिल के माध्यम से इस धार्मिक यात्रा के सफर से जुड़े इस रोचक सफर की शुरुआत से लेकर वर्तमान की स्थिति तक की खास रिपोर्ट।

2006 में हुई शुरुआत, 19 साल से लगातार जारी

मूल रूप से मोदरा निवासी बेंगलुरू एकता साइकिल यात्रा संघ के अध्यक्ष रतनसिंह राजपुरोहित बताते हैं कि यात्रा को 19 साल पूरे हो चुके और इस बार 20वें साल में इस धार्मिक यात्रा की शुरुआत 27 जुलाई को होगी। वहीं 27 अगस्त को यात्रा की पूर्णाहुति होगी। यात्रा से पूर्व बैंगलोर में भजन संध्या और प्रसादी का आयोजन होगा।

पहले साल 10 जातरु रवाना हुए थे

2006 में बैंगलोर में रानीवाड़ा काबा निवासी गुलाबसिंह काबावत, सरत निवासी नरपतसिंह राजपुरोहित ने रामदेवरा जाने का विचार किया। उनके इस विचार पर रमेश माली, चंपालाल ने भी सहमति दी। कुल 10 लोग बैंगलोर से साइकिल पर रवाना हुए।
साथ में एक सीएनजी ऑटो रिक्शा लिया, जिसमें जरुरी सामान था। पहली बार 32 दिन में यह जत्था बैंगलोर से रामदेवरा पहुंचा। दूसरे साल 35 प्रवासी जातरु बैंगलोर से रामदेवरा के लिए रवाना हुए, अब औसतन 25 से 30 जातरु हर साल साइकिल से बाबा के दरबार तक पहुंचते हैं।

19 साल से जबराराम साइकिल डोनेट कर रहे

श्रद्धा के इस अनूठे सफर में दानदाताओं का एक बड़ा समूह भी जुड़ा हुआ है, जो इस पूरी यात्रा पर आर्थिक वहन और व्यवस्था का जिम्मा उठाए हुए हैं। गोल (उम्मेदाबाद) निवासी प्रवासी जबराराम पुत्र भारताराम हर साल जातरुओं के लिए नई साइकिलें उपलब्ध करवाते हैं। जागरण और प्रसादी की हर साल मूल रूप से दासपां निवासी रघुवीरसिंह पुत्र मांगूसिंह चौहान व्यवस्था करते हैं। इसी तरह 18 साल से पींटूसिंह चंपावत भी आर्थिक सहयोग और व्यवस्था में सहयोग का जिम्मा उठाए हुए हैं।

इस स्टेशनों पर रुकता है जत्था

टूंकुर, सिरा, दावणगिरी, हुबली, धारवाड़, पूना, सतारा, वापी, वलसाड़, सूरत, वडा़ेदरा, अहमदाबाद, दांतीवाड़ा, सुंधामाता, आशापुरी माताजी मोदरान, सारणेश्वर महादेव मंदिर सरत, सिरे मंदिर जालोर, धुंबड़ा माताजी, धाणेरी वीर, ब्रह्मधाम आसोतरा, जसोल होते हुए यह जत्था रामदेवरा पहुंचता है।
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साइकिलों के प्रति खास श्रद्धा

2700 किमी का सफर तय कर रामदेवरा पहुंचने के बाद सभी श्रद्धालु अपने अपने गांव पहुंचते हैं। उनका गांव वालों की तरफ से धूमधाम से स्वागत किया जाता है। कुछ दिन रुकने के बाद ये प्रवासी पुन: बसों व अन्य साधनों से अपनी साइकिलों के साथ बैंगलोर पहुंचते हैं। जातरुओं की साइकिलों को वहां श्रद्धा भाव से देखा जाता है। कुछ प्रवासी गुजारिश कर इन साइकिलों को अपने घर ले जाते हैं।

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