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जालोर

कभी बांध की दीवार तोड़कर निकला था पानी, आज सूखे की मार, इस कदम से चमक सकती है 30 हजार किसानों की किस्मत

रानीवाड़ा के जेतपुरा डेम में जल ग्रहण क्षेत्र 99.174 वर्ग किमी है। भराव क्षमता 25.02 लाख घन फीट है। इस पर बनी मुख्य नहर की लंबाई 7.50 किलोमीटर है। जबकि वर्तमान में बांध पूरी तरह सूखा है।

जालोरJul 21, 2025 / 04:02 pm

Rakesh Mishra

Jetpura dam

जेतपुरा में बना बांध। फोटो- पत्रिका

भंवरसिंह धानोल

राजस्थान के जालोर के रानीवाड़ा उपखंड में सीजन की 50 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी, लेकिन क्षेत्र का सबसे बड़ा जेतपुरा बांध अब सूखा ही है। बांध में पानी की आवक नहीं हुई है। बांध का निर्माण कार्य 1994 में शुरु हुआ और 1999 में इसका लोकार्पण हुआ। क्षेत्र के किसानों को आस थी कि बांध में पानी की भरपूर आवक होगी, जिससे कृषि क्षेत्र चमन होगा, लेकिन 26 साल के बांध के इतिहास में केवल एक ही बार पानी की भरपूर आवक हुई थी।
साल 2017 में फ्लैश फ्लड के दौरान पानी की अचानक आवक से गेट तक नहीं खुले और पानी बांध की एक छोर की दीवार को तोड़ता हुआ बह गया। इस पानी से किसानों के खेतों में मिट्टी का कटाव हुआ और पानी ने गुजरात के धनेरा में सर्वाधिक तबाही मचाई। इस साल को छोड़ दें तो बांध आज तक क्षेत्र के किसानों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है। जेतपुरा से धानोल, भंवरिया, खाखरीया, धामसीन सहित अन्य गांवों तक खेतों तक नहर बनी हुई है, लेकिन पानी की आवक नहीं होने से करोड़ों का यह प्रोजेक्ट अनुपयोगी साबित हो रहा है।

5 मीटर गेज का बड़ा बांध

रानीवाड़ा के जेतपुरा डेम में जल ग्रहण क्षेत्र 99.174 वर्ग किमी है। भराव क्षमता 25.02 लाख घन फीट है। इस पर बनी मुख्य नहर की लंबाई 7.50 किलोमीटर है। जबकि वर्तमान में बांध पूरी तरह सूखा है। क्षेत्र के किसानों का कहना है कि समीपवर्ती दांतीवाड़ा डेम से नहर या पाइपलाइन के माध्यम से जेतपुरा डेम में पानी पहुंचाया जाए, ताकि बांध में पानी की मौजूदगी से आस पास के कृषि क्षेत्र को भी फायदा मिल सके।
किसानों का कहना है कि यदि जल्द कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया तो खेत सूख जाएंगे और क्षेत्र में सूखे जैसी स्थिति बन जाएगी, जिससे ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति पर भी गहरा असर पड़ेगा। ग्रामीणों ने जनप्रतिनिधियों व सिंचाई विभाग से आग्रह किया है कि दांतीवाड़ा डेम से पानी उपलब्ध करवाने की योजना पर तुरंत अमल किया जाए ताकि हजारों किसान राहत की सांस ले सकें। पूर्व विधायक नारायणसिंह देवल का कहना है कि हमने इस प्रोजेक्ट की क्रियान्विति के लिए सरकार से मांग की है।

पानी की आवक के लिए ये प्रयास जरुरी

जेतपुरा बांध से दांतीवाड़ा डेम तक की दूरी 52 किलोमीटर है। किसानों और स्थानीय लोगों का कहना है कि दोनों बांध को सरप्लस आवक को जोड़ा जाए तो खासा फायदा होगा। जेतपुरा बांध में लगातार पानी की आवक से क्षेत्र के 30 हजार से किसानों को फायदा मिल सकेगा।
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इन्होंने कहा

दांतीवाडा डेम से जेतपुरा डेम तक जोड़ा जाए तो किसानों को फायदा होगा। टीम आई थी हमने सर्वे भी करवाया दिया है। मामले में सकारात्मक प्रयास जरुरी है।
सोमाराम चौधरी, किसान नेता, रानीवाड़ा
किसानों के हित में जो भी सकारात्मक कार्य है, उसके लिए सरकारी स्तर से प्रयास किए जाएंगे। मैं व्यक्तिगत स्तर पर मामले की क्रियान्विति का प्रयास करुंगा।
लुबाराम चौधरी, सांसद जालोर-सिरोही

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